हल्द्वानी-बैंक पहुंची तो वृद्ध महिला का हुआ ये हाल, दिनभर गिड़गिड़ाती रही लेकिन नहीं माना बैंक

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- साइबर क्राइम ने हल्द्वानी में अपनी जड़े जमा ली है। आये दिन लोगों के बैंक खाते से पैसे गायब हो रहे है। जिसके बाद बैंक में उनसे पल्ला झाड़ रहा है। नगर में ऐसा ही वाक्या एक वृद्ध और विधवा महिला के साथ हुआ। जब वह बैंक गई तो उसे खाते में
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हल्द्वानी-बैंक पहुंची तो वृद्ध महिला का हुआ ये हाल, दिनभर गिड़गिड़ाती रही लेकिन नहीं माना बैंक

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- साइबर क्राइम ने हल्द्वानी में अपनी जड़े जमा ली है। आये दिन लोगों के बैंक खाते से पैसे गायब हो रहे है। जिसके बाद बैंक में उनसे पल्ला झाड़ रहा है। नगर में ऐसा ही वाक्या एक वृद्ध और विधवा महिला के साथ हुआ। जब वह बैंक गई तो उसे खाते में केवल 156 रुपये निकले जिसके बाद वृद्धा लगातार बैंक के चक्कर काटती रही लेकिन बैंक वालों ने उनके हाथ में स्टेटमेंट था दिया कि उनके खाते से पैसे निकल चुके है। जिसके बाद वृद्धा का गला भरा है। वृद्धा ने पाई-पाई कर जोड़े पैसे बैंक में रखे थे लेकिन बैंक जाने के बाद पता चला कि उसके खाते से रुपये गायब है। दिन भर वृद्धा अपने रुपये के लिए गिड़गिड़ाती रही और फिर शाम को अपने घर को चली गई।

हल्द्वानी-बैंक पहुंची तो वृद्ध महिला का हुआ ये हाल, दिनभर गिड़गिड़ाती रही लेकिन नहीं माना बैंक

खाते में बचे केवल 156 रुपये

बिन्दुखत्ता के संजय नगर की रहने वाली बसंती देवी ने बताया कि उसकी एक बेटी है। उसकी शादी के बाद वह घर में अकेली रहती है। दस साल पहले पति किशन राम का निधन हो गया। जिसके बाद वह विधवा पेंशन के पैसों से अपना गुजर-बसर कर रही है। उसके कुछ रिश्तेदारों ने भी उसे पैसे दिये तो जो उसके बैंक में जमा कर दिये। वृद्धा ने बताया कि उसके खाते में 58000 रुपये थे। जब वह नैनीताल स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में गई तो उसके पासबुक में केवल 156 रुपये निकले और वह पैसों के लिए लगातार बैंक के चक्कर काटती रही। इसके बाद वृद्धा तहसील परिसर में पहुंची कई लोगों को अपनी कहानी बताई। इस बीच एक वकील ने उसे समाजसेवी हेमंत गौनियां के पास भेजा।

फफक-फफक कर रो पड़ी वृद्धा

हेंमत गौनिया ने उससे पासबुक मंगाई। बैंक पहुंचकर गौनिया बैंक मैनेजर से मिले तो मैनेजर ने बताया कि उनके खाते में केवल 156 रुपये में और स्टेटमेंट थमा दिया कि इनके खाते से पैसे निकल चुके है। इस दौरान रुपये निकालने की बात में वृद्धा बसंती देवी अपने पति की कसम खाने लगी कि उसने एक भी रुपया नहीं निकाला और वृद्धा का गला भर आया। खाते में पैसे न होने से वृद्धा हताश हो गई। और रोने लगी।उसके कहां कि अंगूठा लगाकर ही पैसा निकालती है। इससे पहले वह बैंक में नहीं आयी तो उसके पैसे कहां गये और किसने निकाले। जिसके बाद समाजसेवी गौनियां ने वृद्धा को समझा-बुझाकर घर को भेजा।