2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूत

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : “ सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठ_” वाली कहावत इन दिनों एका की कवायदों को हवा दे रहे नेताओं पर सटीक बैठ रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे अरसे से प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश संजोए बैठे हैं, लेकिन नेताओं की नई टोली जिस
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2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूत

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठ_” वाली कहावत इन दिनों एका की कवायदों को हवा दे रहे नेताओं पर सटीक बैठ रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे अरसे से प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश संजोए बैठे हैं, लेकिन नेताओं की नई टोली जिस तरह प्रधानमंत्री बनने को बेताब है, उससे राहुल गांधी ही नहीं समूची कांग्रेस पार्टी अचंभित है। अगर कांग्रेस या भाजपा को बहुमत नहीं मिलता है और तीसरे मोर्चे की नौबत आई तो क्षेत्रीय दलों के कुछ नेता हैं, जो 2019 में पीएम पद के दावेदार हो सकते हैं।

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतमनमोहन सिंह

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतमनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक देश की कमान संभाली। वो पहले गैर-हिन्दू प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कभी लोस चुनाव नहीं लड़ा। मनमोहन सिंह का इस पद का काबिज होना एक इत्तेफाक था। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2जी, कॉमनवेस्थ और कोयला जैसे घोटाले हुए। इन्हीं घोटालों के विरोध में 2011 में अन्ना आंदोलन हुआ, जिससे सरकार की छवि को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 2012 में दिल्ली गैंगरेप के बाद देश के युवाओं के गुस्से का भी शिकार इस सरकार को होना पड़ा। इसी सबके चलते जहां एक मनमोहन सिंह लगातार कमजोर हो रहे थे, तो वहीं बीजेपी और आम आदमी पार्टी मजबूत होकर उभरीं।

ममता बनर्जी

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतममता बनर्जी खुद कांग्रेस का भी हिस्सा रही हैं, फिर उनकी पार्टी भी यूपीए का हिस्सा रही। हाल ही में सीबीआई को लेकर केंद्र के साथ टकराव में कई विपक्ष के नेताओं ने उनका साथ दिया, जैसे राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव, मायावती और अखिलेश यादव। चंद्रबाबू नायडू के केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को भी उन्होंने अपना समर्थन दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में 42 सीटों में से 32 सीटों पर तृणमूल की जीत हुई थी , मगर दिक्कत ये है कि क्या उन्हें सारे दल उन्हें स्वीकार करेंगे। जिस तरह से उनके मिजाज हैं, उसमें गठबंधन को चलाना उनके लिए आसान नहीं होगा।

मायावती

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतबहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पहली दलित प्रधानमंत्री बनने को बेताब हैं। बहुजन समाज पार्टी भी उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। जनता दल सेक्यूलर और इंडियन नेशनल लोकदल ने भी उन्हें सहयोग दिया है। उनके नए-नए साथी अखिलेश यादव भी कह चुके हैं कि मायावती के प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें खुशी ही होगी। अगर तीसरे मोर्चे से प्रधानमंत्री चुनने का मौका आया तो कांग्रेस को भी मायावती को समर्थन देने में गुरेज नहीं होगा, क्योंकि पार्टी पहले भी देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर पहला दलित नेता देने का श्रेय लेती रही है।

नवीन पटनायक

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतओडिशा में 4 बार मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक कह चुके हैं कि फिलहाल वे भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाए रखेंगे लेकिन चुनाव के नतीजे क्या न करवा दें। हालांकि, ओडिशा से सिर्फ 21 सदस्य ही लोकसभा जाते हैं। दूसरी बात ये कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भी वे नहीं गए, जहां बहुत से गैर-बीजेपी दल गए थे। दिल्ली में चंद्रबाबू नायडू की बुलाई बैठक में भी नहीं गए। एक तरह से उन्होंने अपनी दूरी सभी से बना कर रखी, तो ये बात बाद में उनके हक में भी जा सकती है और शायद उन्हें इसका नुकसान भी हो सकता है।

शरद पवार

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतशरद पवार नरेन्द्र मोदी के लिए लंच होस्ट कर चुके हैं तो राहुल गांधी, ममता बनर्जी और मायावती के लिए डिनर भी। अगर किसी को बहुमत नहीं मिला, तो शरद पवार ही एक ऐसे नेता हैं जिनके संबंध सभी दलों से अच्छे ही रहे हैं और उनके नाम पर समझौता होना आसान है। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री बनने का मौका पवार के पास आता है तो क्या वे अपनी एनसीपी का कांग्रेस में विलय कर देंगे। कई लोग मानते हैं कि क्यों नहीं..

चंद्रबाबू नायडू

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतआंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के चंद्रबाबू नायडू की प्रधानमंत्री बनने की हसरत किसी से छिपी नहीं है। अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सूबे की राजनीतिक विरासत अपने बेटे को सौंप कर प्रधानमंत्री पद हासिल करने के लिए सहस्र चंडी यज्ञ भी करवा लिया।

 

नितिन गडकरी

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतकुछ महीनों से ये चर्चा चल रही है कि अगर बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और गठबंधन सरकार बनाए जाने की नौबत आई तो एनडीए के सहयोगी दल शायद नितिन गडकरी के नाम पर राजी हों। नितिन गडकरी तो कह चुके हैं कि वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं लेकिन मोदी से रिश्ते और उनके बयान किस तरफ इशारा कर रहे हैं, आप यहां पढ़ सकते हैं।

राजनाथ सिंह

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतसाल 2014 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने चुनावों से पहले एनडीए का पुनर्गठन शुरू किया था, जो कि एक आसान काम नहीं था। तब राजनाथ सिंह आखिरकार 30 अलग-अलग दलों को एनडीए के झंडे तले लाने में कामयाब हो गए। राजनाथ सिंह ने अपनी कोशिशों से जिस एनडीए का गठन किया, वो उनके राजनीतिक गुरु अटल बिहारी वाजपेयी से भी बड़ा था। ऐसे में कई लोगों ने राजनाथ सिंह को भविष्य के वाजपेयी के रूप में देखना शुरू कर दिया।

राहुल गांधी

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूतराहुल गांधी की मानें तो 2019 में कांग्रेस अपनी जीत के लिए आश्वस्त दिख रही है। जबसे राहुल गांधी की राजनीतिक पारी शुरू हुई है, कांग्रेस उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में ही देखती आ रही है। उन्हें विरोधियों ने ‘बच्चा’ कहकर, ‘पप्पू’ जैसे नाम देकर खारिज करने की कोशिश की। उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता की बात आम होने लगी। लेकिन पिछले कुछ वक्त से उनमें बदलाव के संकेत भी नजर आने लगे।

 

अरविंद केजरीवाल

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूत2014 में मोदी लहर ने अरविंद केजरीवाल के उत्साह को ठंडा न किया होता तो वे भी आज लाइन में खड़े होते। इसके बावजूद वे मोदी विरोधी मोर्चा को मजबूत बनाने में जी जान से जुटे हैं।

नरेन्द्र मोदी

2019 लोस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के कितने दावेदार, जानिए कौन है सबसे मजबूत

भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री भी अगली बार फिर से प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए जोर लगा रहे हैं।