बाबरी केस के आरोपियों को विशेष अदालत द्वारा बरी करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

न्यूज टुडे नेटवर्क। बाबरी मस्जिद कांड के आरोपियों को सीबीआई विशेष अदालत से बरी करने के बाद अब विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की ओर से हाईकोर्ट में रिट दाखिल की गई है। रिट में कहा गया है कि सीबीआई ने विशेष अदालत द्वारा आरोपियों
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बाबरी केस के आरोपियों को विशेष अदालत द्वारा बरी करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बाबरी मस्जिद कांड के आरोपियों को सीबीआई विशेष अदालत से बरी करने के बाद अब विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की ओर से हाईकोर्ट में रिट दाखिल की गई है। रिट में कहा गया है कि सीबीआई ने विशेष अदालत द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने का कदम नहीं उठाया था इसीलिए हमारी ओर से याचिका दाखिल की गई है।

याचिका दाखिल करने वाले हाजी सैयद अखलाक और हाजी महबूब की ओर से लगाई गई है। दोनों ही याचिकाकर्ता बाबरी मस्जिद विध्‍वंस केस में गवाह थे। यह याचिका मुस्लिम पर्सनल  ला बोर्ड की ओर से लगाई गई है। याचिकाकर्ता के वकील जफरयाब जिलानी हैं।

कहा गया है कि CBI ने विशेष न्यायालय द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का कदम नहीं उठाया। इसके चलते हमनें याचिका दायर की है। हाजी महबूब ने कहा कि CBI ने सही फैसला नहीं दिया था। वहीं याचिकाकर्ता के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि आज याचिका दाखिल कर दी गई है। सोमवार को पता चलेगा कब सुनवाई होगी? बता दें कि इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे कई बड़े नेता आरोपी थे।

बीते साल 30 सितंबर 2020 को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत द्वारा सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। कहा था कि बाबरी मस्जिद गिराने की घटना अचानक हुई। न तो कारसेवकों को इसके लिए वहां बुलाया गया था और न ही नेताओं के कहने पर उन्होंने ढांचा गिराया। यह भी कहा था कि CBI के द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में फोटो और वीडियो फैब्रिकेटर है। जिसके एवज में किसी को भी आरोपी नहीं बनाया जा सकता है।