यहां जालसाजों ने दरोगा को ही बना डाला अपना शिकार, ऐसे बुना ठगी का पूरा जाल

ठगी करने वालों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि अब आम जनता को छोड़ ये पुलिस वालों को भी अपनी ठगी का शिकार बना रहे है। ताजा मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से प्रकाश में आया है। जमीन और मकान के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों ने यहां एक दारोगा से मकान
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यहां जालसाजों ने दरोगा को ही बना डाला अपना शिकार, ऐसे बुना ठगी का पूरा जाल

ठगी करने वालों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि अब आम जनता को छोड़ ये पुलिस वालों को भी अपनी ठगी का शिकार बना रहे है। ताजा मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से प्रकाश में आया है। जमीन और मकान के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों ने यहां एक दारोगा से मकान बनवाने के नाम पर 35 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली। जिसके बाद वसंत विहार पुलिस ने ठेकेदार समेत चार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। वही वसंत विहार पुलिस के अनुसार, पटेलनगर कोतवाली में बतौर उपनिरीक्षक तैनात सुरेश कुमार ने वर्ष 2011-12 में पौड़ी में तैनात रहते वक्त सेवला कला में पत्नी के नाम पर जमीन खरीदी। वर्ष 2017 में भूमि पर मकान निर्माण के लिए बिल्डिंग मैटेरियल कारोबारी दीपक गोस्वामी से संपर्क किया। दीपक ने उनकी मुलाकात ठेकेदार अमित अग्रवाल से कराई। दोनों के खाते में 25 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए गए।

ऐसे बनाया ठगी का प्लान

इन दोनों ने शकील मलिक निवासी एमडीडीए कॉलोनी, आइएसबीटी को काम देने की बात कही गई। मगर शकील की गतिविधि पर संदेह होने पर उन्होंने अपने ठेकेदार से मकान बनवाना शुरू कर दिया और दीपक और अमित से रकम संबंधित ठेकेदार को देने को कहा गया। तब दोनों ने कहा कि उनके बैंक खातों को आयकर विभाग ने होल्ड कर रखा है। कुछ ही समय बाद दोनों ने फिर से 15 लाख रुपये की मांग की और कहा कि यह रकम मिलते ही उनका बैंक अकाउंट एक्टीवेट हो जाएगा और वह पूरी रकम वापस कर देंगे।

यहां जालसाजों ने दरोगा को ही बना डाला अपना शिकार, ऐसे बुना ठगी का पूरा जाल

इस बीच उन्होंने अपने ठेकेदार से काम कराना बंद कर दिया। दीपक और अमित की ओर से लगाए गए ठेकेदार शकील ने बेहद धीमी गति से काम शुरू किया। इस बीच लगभग पौने चार लाख रुपये कीमत का सरिया भी ठेकेदार ने चोरी कर सचिन नेहरा को दे दिया। तब दीपक और अमित ने कहा कि वह सरिया खरीद कर दे दें, उसका भु़गतान वह दोनों कर देंगे। इस पर सवा दो लाख रुपये का सरिया खरीद कर उसका बिल अमित अग्रवाल को दे दिया गया। तब जाकर बीते अगस्त माह में किसी तरह मकान का लिंटर पड़ा। मामले में दीपक, अमित, शकील और सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।