टूलकिट मामले में सुनवाई: कोर्ट ने कहा- बोलने की आजादी लेकिन देश की अखंडता, एकता और संप्रभुता भी जरूरी

न्यूज टुडे नेटवर्क। किसान आंदोलन को लेकर तैयार की गई टूलकिट मामले में बवाल के बाद शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को बोलने का अधिकार है लेकिन देश की संप्रमुभता, एकता और अखंडता का उन्हें ख्याल रखना चाहिए। टूलकिट मामले में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के मामले में सुनवाई
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टूलकिट मामले में सुनवाई: कोर्ट ने कहा- बोलने की आजादी लेकिन देश की अखंडता, एकता और संप्रभुता भी जरूरी

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। किसान आंदोलन को लेकर तैयार की गई टूलकिट मामले में बवाल के बाद शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दिल्‍ली हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को बोलने का अधिकार है लेकिन देश की संप्रमुभता, एकता और अखंडता का उन्‍हें ख्‍याल रखना चाहिए। टूलकिट मामले में क्‍लाइमेट एक्टिविस्‍ट दिशा रवि के मामले में सुनवाई हुई।

इस दौरान कोर्ट ने कहा कि लोगों के निजता के अधिकार, फ्रीडम ऑफ स्पीच और देश की संप्रभुता-अखंडता में बैलेंस होना चाहिए। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह कीर बेंच ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि रेगुलेशन ऑफ कंटेंट पूरी दुनिया के लिए विवादित मुद्दा रहा है। भारत इससे अछूता नहीं है।

दिशा की ओर से दायर याचिका कर कोर्ट से मांग की थी कि दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह FIR से जुड़ी कोई भी जानकारी थर्ड पार्टी को न दे, मीडिया को भी नहीं। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 मार्च के लिए टाल दी।

याचिका में दिशा की ओर से कहा गया कि जांच की लीक हुई जानकारियों को लेकर दिल्ली पुलिस और मीडिया उन्हें जमकर निशाना बना रही है। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह कानून के मुताबिक, प्रेस ब्रीफिंग कर सकती हैं। वहीं, मीडिया यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी खबरें सत्यापित और प्रामाणिक स्रोतों से प्राप्त हों। संपादकीय टीमें यह सुनिश्चित करें कि प्रसारित होने वाली खबरें प्रमाणित हों। साथ चैनल संपादक अपने कंटेंट पर नियंत्रण रखें ताकि जांच में बाधा न आए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि मीडिया यह सुनिश्चित करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है कि कोई सनसनीखेज घटना न होने पाए, लेकिन हालिया कवरेज से पता चलता है कि उसने खुद सनसनीखेज और पूर्वाग्रही रिपोर्टिंग की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वह सुनिश्चित करें कि उनसे जुड़े लोग अनावश्यक या निंदा करने वाले बयान देने से बचें।

दिशा रवि की ओर से उनके वकील सीनियर एडवोकेट अखिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि उन 3 न्यूज चैनलों (टीवी टूडे, टाइम्स नाउ और न्यूज-18) को निर्देश दिए जाए कि वह अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उन रिपोर्ट्स को हटाए, जिन्हें दिशा की वाट्सऐप चैट होने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच से जुड़ी ऐसी जानकारी (जो सार्वजनिक रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं हैं) को सार्वजनिक न करने का निर्देश भी दें। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने जांच की महत्वपूर्ण जानकारी मीडिया में लीक की।