हरिद्वार- गन्ना मिल प्रशासन की मनमानी से छूटे पुलिस के पसीने, किसान ऐसे हो रहे शोषण का शिकार

उत्तराखंड में गन्ना किसानों की दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रही है, बात हरिद्वार जिले की करें तो यहां के शुगर मिल प्रशासन ने सुविधा के नाम पर सिर्फ गन्ना किसानों का शोषण किया है, आलम यह है कि इस असुविधाओं की मार अब हरिद्वार जिला प्रशासन पर भी पड़नी शुरु हो गई
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हरिद्वार- गन्ना मिल प्रशासन की मनमानी से छूटे पुलिस के पसीने, किसान ऐसे हो रहे शोषण का शिकार

उत्तराखंड में गन्ना किसानों की दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रही है, बात हरिद्वार जिले की करें तो यहां के शुगर मिल प्रशासन ने सुविधा के नाम पर सिर्फ गन्ना किसानों का शोषण किया है, आलम यह है कि इस असुविधाओं की मार अब हरिद्वार जिला प्रशासन पर भी पड़नी शुरु हो गई है। यहां के लक्सर स्थित एक शुगर मिल में किसानों की भीड़ ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी, यहां सड़कें गन्ने से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली से व्यस्त हो गई है, 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम अक्सर लगा रहता है, जिसे खोलने में पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

48-48 घण्टें करना होता है इंतजार

लक्सर क्षेत्र के कुछ किसानों की माने तो मिल में किसानों के लिये कोई सुविधा नही है। हर वर्ष शुगर मिल प्रसाशन किसानों की सुविधाएं के दावे तो करता हैं, लेकिन मिल में न तो किसानों के खाने के लिये कैंटीन व न ही पीने के लिए पानी की कोई टंकी।

हरिद्वार- गन्ना मिल प्रशासन की मनमानी से छूटे पुलिस के पसीने, किसान ऐसे हो रहे शोषण का शिकार

48-48 घण्टें मिल के बाहर किसानों को गन्ने बेचने के लिये रुकना पड़ता है। जिस कारण किसानों के पास काफी गन्ना बचा रह गया हैं, और अब मिल प्रसाशन ने शुगर मिल को 30 मई तक बंद करने के निर्देश दे दिए है, इन हालातों में लॉकडाउन के कारण पहले से ही मंदी की मार झेल रहे किसानों पर चौतरफा मार पड़ी है। किसानों की हर तरफ़ परेशानी बढ़ती दिखाई दे रही है।