हल्द्वानी-गीदड़ कहने पर हरीश रावत ने ऐसे दिया कोश्यारी को जवाब, अब उत्तर सोचने पर मजबूर हुए कोश्यारी

हल्द्वानी-लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही एक बार फिर पूर्व सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने जुबानी जंग छेड़ी है। इससे पहले लोकसभा चुनाव शुरू होते ही कोश्यारी ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर खूब तंज कसे थे। हरीश रावत ने भी उनके खूब जवाब दिये। लगातार पहाड़ी भाषा का इस्तेमाल इस लोकसभा चुनाव में दो
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हल्द्वानी-गीदड़ कहने पर हरीश रावत ने ऐसे दिया कोश्यारी को जवाब, अब उत्तर सोचने पर मजबूर हुए कोश्यारी

हल्द्वानी-लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही एक बार फिर पूर्व सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने जुबानी जंग छेड़ी है। इससे पहले लोकसभा चुनाव शुरू होते ही कोश्यारी ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर खूब तंज कसे थे। हरीश रावत ने भी उनके खूब जवाब दिये। लगातार पहाड़ी भाषा का इस्तेमाल इस लोकसभा चुनाव में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच हुआ। जैसे ही एक लोकसभा चुनाव का परिणाम आया तो रावत को नैनीताल सीट पर हार मिली। इस मौके पर पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने अपना शब्द बाण छोड़ा। कल भाजपा कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि मेरे चुनाव न लडऩे से कई लोग चिंतित थे। कहते थे कि आप नहीं लड़ रहे, अब क्या होगा। हरीश रावत आ रहे हैं। मैंने तभी कहा था कि गीदड़ की मौत आती है तो…। उन्होंने कहा कि हरीश रावत नैनीताल आए और भाजपा ने उन्हें सबसे करारी हार दी। वह अब मुंह दिखाने लायक भी नहीं हैं।

हल्द्वानी-गीदड़ कहने पर हरीश रावत ने ऐसे दिया कोश्यारी को जवाब, अब उत्तर सोचने पर मजबूर हुए कोश्यारी हल्द्वानी-गीदड़ कहने पर हरीश रावत ने ऐसे दिया कोश्यारी को जवाब, अब उत्तर सोचने पर मजबूर हुए कोश्यारी

 

कोश्यारी जी आपने मुझे लकड़बग्घा तो नहीं कहा

इससे पहले कोश्यारी ने हरीश रावत को एकलू बानर कहा तो हरीश रावत ने भी उन्हें भीगा हुआ घुघता कह दिया। सबसे हॉट सीट माने जाने वाली नैनीताल सीट पर शब्दबाण ज्यादा चले। कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुए जुबानी जंग में खूब चटकारे लिये। कोश्यारी द्वारा गीदड़ कहे जाने पर आज हरीश रावत ने फेसबुक पर लिखा कि भगत सिंह कोश्यारी जी, भारतीय जनता पार्टी की इस शानदार जीत के मौके पर आपको बधाई। आपने मुझे याद किया, आपने मेरी तुलना गीदड़ से की। बड़े भाई हैं, आपने अपने जीत के क्षण में जो भी कह दिया, शिरोधार्य है। चलिए आपने मुझे लकड़बग्घा तो नहीं कहा जो केवल दूसरों का मारा हुआ खाता है मर एक बात याद रखियेगा यदि आपने और आपकी पार्टी ने उत्तराखंडियत के लिए और उन पहलों के लिए जो मेरी सरकार ने तीन साल में प्रारंभ की थी, उनको आगे नहीं बढ़ाया और कुछ विशेष नहीं किया तो इस गीदड़ की मौत से ही 2022 में हाथ का परचम लहरायेगा।

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