हल्द्वानी- 3 जनवरी तक शहर की सड़कों पर निकलेगी “विजय यात्रा”, शहीद जवानों को ऐसे मिलेगा सम्मान

1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत के विजय की 50वीं वर्षगांठ पर शहीदों के सम्मान के लिए चार ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ को प्रज्ज्वलित किया गया है। नेशनल वॉर मेमोरियल नई दिल्ली की अनन्त ज्योति से प्रज्ज्वलित चारों मशालें देश के कोने कोने तक पहुंच रही है। युद्ध के परमवीर च्रक और महावीर च्रक विजेताओं
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हल्द्वानी- 3 जनवरी तक शहर की सड़कों पर निकलेगी “विजय यात्रा”, शहीद जवानों को ऐसे मिलेगा सम्मान

1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत के विजय की 50वीं वर्षगांठ पर शहीदों के सम्मान के लिए चार ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ को प्रज्ज्वलित किया गया है। नेशनल वॉर मेमोरियल नई दिल्ली की अनन्त ज्योति से प्रज्ज्वलित चारों मशालें देश के कोने कोने तक पहुंच रही है। युद्ध के परमवीर च्रक और महावीर च्रक विजेताओं के गांवो सहित ‘विजय यात्रा’ के जरिए ‘विजय मशाल’ पूरे भारत देश में ले जाया रहा है। जिसके बाद पूरे सम्मान के साथ ‘विजय मशाल’ को वापस नई दिल्ली ले जाया जाएगा।

हल्द्वानी- 3 जनवरी तक शहर की सड़कों पर निकलेगी “विजय यात्रा”, शहीद जवानों को ऐसे मिलेगा सम्मान

3 जनवरी तक हल्द्वानी में घूमेमी विजय यात्रा

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली से चलकर “विजय मशाल” मंगलवार रात हल्द्वानी पहुंच गई है। सेना के काफिले के साथ सजी गाड़ियों में मशाल को पूरे सम्मान के साथ देवभूमि लाया गया है। जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी में ‘विजय मशाल’ को 3 जनवरी तक नगर में घूमाया जाएगा। जिसके बाद विजय यात्रा पिथौरागढ़ के लिए रवाना होगी। पिथौरागढ़ के बाद रानीखेत में यात्रा का आयोजन होगा। हल्द्वानी से शुरू हुई इस यात्रा को पूरे प्रदेश में बारी-बारी ले जाया जाएगा।

क्या है इतिहास

बता दें कि 16 दिसंबर, 1971 को देश की पश्चिमी सीमा पर बसंतर नदी के किनारे खुले मोर्चे पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हरा दिया था। इसलिए भारतीय सेना 16 दिसम्बर को ‘विजय दिवस’ मनाती है। पाकिस्तान ने इस युद्ध में 93 हजार सैनिकों के साथ सरेंडर किया था।