हल्द्वानी- केवल एक दिन में रिकॉर्ड हुआ था अमर लोकगायक पप्पू कार्की का ये अंतिम गीत, अब हुआ वायरल

हल्द्वानी–न्यूज टुडे नेटवर्क-(जीवन राज)-उत्तराखंड के अमर लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को गीत छम-छम बाजली हो के वीडियो ने इन दिनों धमाल मचा रखा है। यह गीत लोकगायक कार्की का अंतिम गीत था। इस गीत को उन्होंने नेपाल में रिकॉर्ड किया था। यह गीत छित्कू हिवांल प्रोडक्शन से देबू पांगती के निदेशक में रिलीज हुआ था।
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हल्द्वानी- केवल एक दिन में रिकॉर्ड हुआ था अमर लोकगायक पप्पू कार्की का ये अंतिम गीत, अब हुआ वायरल

हल्द्वानी–न्यूज टुडे नेटवर्क-(जीवन राज)-उत्तराखंड के अमर लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को गीत छम-छम बाजली हो के वीडियो ने इन दिनों धमाल मचा रखा है। यह गीत लोकगायक कार्की का अंतिम गीत था। इस गीत को उन्होंने नेपाल में रिकॉर्ड किया था। यह गीत छित्कू हिवांल प्रोडक्शन से देबू पांगती के निदेशक में रिलीज हुआ था। इस गीत को देबू पांगती ने लिखा है। गाने के रिलीज होने के कुछ समय बाद अमर लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को एक सडक़ हादसे ने हमसे छीन लिया। लेकिन उनका यह अंतिम गाना सदा के लिए अमर हो गया। विगत 14 जनवरी को छित्कू हिवांल प्रोडक्शन के निर्माता देबू पांगती ने इस गाने का वीडियो अपने यू-ट्यूब चैनल से रिलीज किया। जिसके बाद लोग लगातार कार्की के इस गाने को देख रहे है। अभी तक करीब 343300 व्यूज इस गाने को मिल चुके हैं।

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शादी के रीति-रिवाजों आधारित है गीत

छित्कू हिवांल प्रोडक्शन के निर्माता देबू पांगती ने न्यूज टुडे नेटवर्क को बताया कि इस गीत की शूटिंग मुनस्यारी समेत कई क्षेत्रों में हुई है। यह पहला ऐसा वीडियो गीत है जिसमें एक ही गांव के कई लोगों ने अभिनय किया है। इस गीत में शादी के रीति-रिवाजों को दिखाया गया है। जौहार-मुनस्यार के कई सुंदर दृश्यों से यह गीत और भी बेहतरीन बनाया गया है। इससे पहले इस गीत का ऑडियों रिलीज हुआ था जिसे अभी तक सात लाख से ऊपर लोग देख चुके है। वही कार्की के इस अंतिम गीत को लोगों ने खूब सराहा है। इस गीत में उनका साथ दिया है नेपाल की गायकी मांडवी त्रिपाठी ने और संगीत बिपीन आचार्य ने दिया है। इस गीत में लक्ष्मण पांगती, हिमांशु आर्य, नीरज पांगती, माया बोरा नेगी, उर्मिला सनवाल गुंजियाल, तारु रावत व अन्य कलाकारों ने अभिनय किया है।

हल्द्वानी- केवल एक दिन में रिकॉर्ड हुआ था अमर लोकगायक पप्पू कार्की का ये अंतिम गीत, अब हुआ वायरल

त्यर दगडि़ मैं नाचुला ये शब्द कार्की के थे- पांगती

निर्माता देबू पांगती ने बताया कि जब उन्होंने यह गीत लिखा तो अमर लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को सुनाया। गीत को सुनने के बाद कार्की ने कहा कि दाज्यू गीत में थोड़ा चेंज कर दूं तो उन्होंने कहा कि कर ले भाई। आप महान गायक हो आपको हक है इसे ठीक करने का। इसके बाद छम-छम बाजली हो छम घुघरू लगी बाज में चेंज करते हुए उसके पीछे त्यर दगडि़ मैं नाचुला म्यौर दगाड़ा तू ले नाच जोड़ दिया। इन्हीं शब्दों ने गाने में जान फूंक दी। वही कार्की ने यह गाना एक ही दिन में पूरा गा दिया। जिसे देखकर में भी हैरान रह गया। जबकि एक गीत को रिकॉर्ड करने के लिए कई बार गाना पड़ता है लेकिन कार्की ने एक ही बार में पूरे अंतरे गाकर इस गीत को एक ही दिन में पूरा कर दिया।