हल्द्वानी- इसलिए रेड जोन में शामिल हुआ जनपद नैनीताल, पढ़े सरकार की कार्यवाई पर क्यों भड़की नेता प्रतिपक्ष
उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना के मामलो को देखते हुए प्रत्येक जिले के आकड़ो के आधार पर जोन निर्धारित किये गए है। सरकार ने ज़ोन स्टेटस बदला तो 13 जिलों में से नैनीताल को रेड और ऊधम सिंह नगर को ग्रीन ज़ोन में डाल दिया। बाकी 11 ज़िले पहले की तरह ही ऑरेंज ज़ोन में हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि सबसे ज्यादा सहूलियत और छूट वाला ज़िला ऊधम सिंह नगर होगा जबकि नैनीताल में सबसे ज्यादा प्रतिबंध रहेंगे।
नैनीताल ज़िले को रेड ज़ोन में रखने पर सियासत गरमाई हुई है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इंदिरा ने सरकार के इस निर्णय को सरासर गलत करार दिया है और सीधे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की है। इंदिरा का कहना है कि नैनीताल ज़िले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, मेडिकल कॉलेज हैं और इन सुविधाओं का खामियाजा नैनीताल को रेड ज़ोन में जाकर भुगतना पड़ रहा है।
जिले के नहीं है अधिकतर मरीज़
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की दलील है कि सरकार को दूरदर्शिता दिखाते हुए नैनीताल के रेड ज़ोन के स्टेटस को तुरंत बदलना चाहिए क्योंकि नैनीताल उत्तराखंड का विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इसके रेड ज़ोन घोषित होने से यहां की पर्यटक संभावनाओं को गहरा झटका लगेगा। जिसका खामियाजा भविष्य में भुगतना पड़ सकता है।
क्या कहती है एसीएमओ
नैनीताल जिले की एसीएमओ रश्मि पंत की माने तो दूसरे राज्यों से कुमाऊं लौट रहे लोगों को हल्द्वानी में क्वारंटीन करने की व्यवस्था है। क्वारंटीन किए गए पहाड़ के अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत जिलों के लोगों में कई में कोरोना की पुष्टि हुई है। क्योंकि इनका टेस्ट सेंपल नैनीताल जिले में लिया गया है। इसलिए नैनीताल में मरीजों का आंकड़ा 261 पहुंच गया है। इसी आंकड़े के आधार पर जिले को रेड ज़ोन में शामिल किया गया है। हकीकत यह है कि इनमें से 90 फीसदी मरीज जिले के रहने वाले नहीं हैं।