हल्द्वानी-राज्य गठन के बाद नैनीताल जूं में 232 वन्यजीवों की मौत, जानिये हर साल के राजस्व का आंकड़ा

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-नैनीताल चिडिय़ाघर में राज्य गठन के बाद 232 वन्यजीवों की मौत हुई है। यह खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गौनियां द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी रिपोर्ट में हुआ है। नैनीताल उत्तराखंड में एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शामिल है। ऐसे में यहां हर मौसम में देश-विदेश से पर्यटक आते है। हर
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हल्द्वानी-राज्य गठन के बाद नैनीताल जूं में 232 वन्यजीवों की मौत, जानिये हर साल के राजस्व का आंकड़ा

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-नैनीताल चिडिय़ाघर में राज्य गठन के बाद 232 वन्यजीवों की मौत हुई है। यह खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गौनियां द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी रिपोर्ट में हुआ है। नैनीताल उत्तराखंड में एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शामिल है। ऐसे में यहां हर मौसम में देश-विदेश से पर्यटक आते है। हर साल यहां लाखों की संख्या में पयर्टक आते है। हल्द्वानी निवासी आईटीआई कार्यकर्ता हेमंत गौनियां द्वारा सूचना अधिकार के तहत मांगी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हर वर्ष नैनीताल में दो लाख के आसपास पयर्टक आते है। राज्य गठन के बाद अब तक 3252833 देशी व विदेशी पर्यटकों ने नैनीताल जूं का भ्रमण किया।

हल्द्वानी-राज्य गठन के बाद नैनीताल जूं में 232 वन्यजीवों की मौत, जानिये हर साल के राजस्व का आंकड़ा

खुलासे में 232 वन्यजीवों की राज्य गठन के बाद मौत हो चुकी है। जूं में पर्यटकों के भ्रमण शुल्क के आधार पर 121314300 रुपये की प्राप्त हुए है। यानि हर साल मे 6739683 रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। वही सरकार द्वारा 58364200 रुपये की धनराशि विभिन्न कार्यों के लिए प्राप्त हुई है। कुल मिलाकार देखा जाय तो वन्यजीवों की मौत एक ङ्क्षचतनीय विषय है। जबकि राजस्व के रूप में जूं ने अच्छी कमाई की है। समाज सेवी हेमंत गौनियां ने कहा कि अगर वन्यजीवों की संख्या बढ़ाई जायं उनकी मौत की संख्या पर अंकुश लगाया जाय तो पर्यटकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। जिससे राजस्व में वृद्धि होगी जो प्रदेश के विकास में सहायक सिद्ध होगा।