हल्द्वानी- श्रीलेश ने पहाड़ों में खेती के लिए बनाया अनोखा ट्रैक्टर , किसानों को ऐसे पंहुचाएगा लाभ

महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित ओजर गांव में रहने वाले श्रीलेख मा डेय को खेती करने के लिए एक ट्रैक्टर की आवश्यकता थी लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह ट्रैक्टर नही खरीद पा रहे थे इस बीच शिवनगर इंजनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की। और तीन महीने की
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हल्द्वानी- श्रीलेश ने पहाड़ों में खेती के लिए बनाया अनोखा ट्रैक्टर , किसानों को ऐसे पंहुचाएगा लाभ

महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित ओजर गांव में रहने वाले श्रीलेख मा  डेय को खेती करने के लिए एक ट्रैक्टर की आवश्यकता थी लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह ट्रैक्टर नही खरीद पा रहे थे इस बीच शिवनगर इंजनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की। और तीन महीने की ट्रैक्टर बनाने की ट्रेनिंग आइआइएम के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट से ली और ट्रेनिंग के खत्म होने पर उन्होने 2013 में मैकेनिकल डिप्लोमा के दौरान पहला मॉडल बनाया।

हल्द्वानी- श्रीलेश ने पहाड़ों में खेती के लिए बनाया अनोखा ट्रैक्टर , किसानों को ऐसे पंहुचाएगा लाभ

पहाड़ में खेती करना लगभग सरल नही होता है। किसानों की समस्या का मुख्य कारण उनकी फसल की पैदावार अच्छी न होना है। इसी समस्या को लेकर महाराष्ट्र में एक किसान के मेहनती बेटे श्रीलेख माडेय ने खेतों की जुताई को आसान करने के लिए एक विशेष प्रकार का ट्रैक्टर बनाया है उन्होने इस ट्रैक्टर को बनाने के लिए 3 महीने की ट्रेनिंग आइआइएम के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट से ली थी। जानकारी के अनुसार ट्रैक्टर की कीमत लगभग दो लाख है। श्रीलेख माडेय ने इस ट्रैक्टर का नाम ट्रैकड्रील रखा है यह टेªक्टर विशेष रूप से पहाड़ में खेती करने के लिए डिजाइन किया है ट्रैक्टर हर प्रकार से खेती करने में सक्षम है।

श्रीलेश ने बताया कि ट्रैक्ड्रील से खेती की लागत काफी कम होगी। यह जुताई, बुआई, स्प्रेयर, रोटावेटर के साथ-साथ खरपतवार निकालने तक का काम करेगा। श्रीलेश के द्वारा मॉडल की प्रस्तुति के लिए मंत्रालय ने 10 लाख रुपये का बजट दिया। इसके बाद 25 लाख की अतिरिक्त मंजूरी के लिए कृषि मंत्रालय को भी प्रोजेक्ट भेजा गया।