हल्द्वानी-रोंगटे खड़ी कर देगी ये खबर, महिला ने ऑटो में दिया जुड़वा बच्चों को जन्म

हल्द्वानी-इंसानियत बिल्कुल मर चुकी है। इसका ताजा उदाहरण रानीबाग पुल पर देखने को मिली जहां प्रवस पीड़ा से तड़प रही एक महिला को ठेकेदार ने पुल पार नहीं करने दिया। जबकि दूसरी ओर 108 भी महिला का का इंतेजार करती रही लेकिन ठेकेदार के अंदर से इंसानियत खत्म हो गई। जिसके बाद आशा और महिला
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हल्द्वानी-रोंगटे खड़ी कर देगी ये खबर, महिला ने ऑटो में दिया जुड़वा बच्चों को जन्म

हल्द्वानी-इंसानियत बिल्कुल मर चुकी है। इसका ताजा उदाहरण रानीबाग पुल पर देखने को मिली जहां प्रवस पीड़ा से तड़प रही एक महिला को ठेकेदार ने पुल पार नहीं करने दिया। जबकि दूसरी ओर 108 भी महिला का का इंतेजार करती रही लेकिन ठेकेदार के अंदर से इंसानियत खत्म हो गई। जिसके बाद आशा और महिला की सास ने ऑटो में ही महिला का प्रसव करा दिया। यह खबर हैरान करने वाली है, वहीं ठेकेदार के खिलाफ परिजनों मेें ही नहीं पूरे ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल पैदा है।

अमृतपुर के पंकज शर्मा की पत्नी हेमा शर्मा को देर शाम प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने आशा वर्कर को फोन किया। जिसके बाद आशा, हेमा और उसकी सास ऑटो में सवार हो गये। बाकि परिजन अपने वाहनों में उनके पीछे चल दिये। जैसे ही वह आगे बढ़े तो बारिश शुरू हो गई। लेकिन इससे बड़ी समस्या तो आगे आने वाली थी जिसका इंतजार हो रहा था। ऑटो जैसे ही रानीबाग पुल पर पहुंच तो पुल पर जाम लगा था। जानकारी जुटाई तो पता चला कि ठेकेदार ने आवागमन बदं कर दिया है। जिसे बाद दौड़े-दौड़ परिजन ठेकेदार के पास पहुँचे उससे आग्रह किया लेकिन ठेेकेदार तस से मस नहीं हुआ। परिजना खूब गिड़गिड़ाये लेकिन ठेकेदार था कि पिघलने का नाम नहीं ले रहा था।

इसके बाद परिजनों ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया और प्रशासन को घटना की जानकारी दी। साथ ही 108 को भी सूचना दी। इधर प्रशासन की ओर से आदेश आया कि हमने पुल बंद करने का कोई ऐसा आदेश नहीं दिया है। इस मौके पर 108 भी दूसरी ओर खड़ी हो गये। उधर ऑटो में हेमा प्रसव से तड़प रही थी। निराश परिजनों ने हेमा का प्रसव ऑटो में ही करा दिया। हेमा ने एक बच्चे को जन्म दिया तो दूसरा बच्चा भी उसके पेट में था लेकिन दूसरे बच्चे को जन्म देने में आशा और हेमा की सास के सांसे फूल गई।

ऐसे में पुल के उस पार खड़े 108 की स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पैदल पुल पार किया और ऑटौ में ही दूसरे बच्चे को जन्म देने का निर्णय लिया। टीम पुल के पार पहुंची और बड़ी मुश्किल से दूसरे बच्चे का जन्म हुआ। अब रात हो चुकी थी। जैसे-तैसे पुल पार किया फिर 108 हेम और उसके दोनों बच्चों को लेकर महिला अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उन्हें तुंरत अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने बताया कि हेमा की प्री मेच्योर डिलीवरी हुई थी। तीनों का स्वास्थ ठीक है। जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली, इधर ठेकेदार के खिलाफ परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वहीं ग्रामीणों का गुस्सा ठेकेदार के खिलाफ फूट रहा है। अब सवाल उठता है क्या प्रशासन इस मामले में ठेकेदार पर कोई कार्यवाही करेगा या नहीं। गनीमत रही कि तीनों जच्चा-बच्चा ठीक है अगर कोई घटना हो जाती तो उसके जिम्मेदार कौन होता।