हल्द्वानी-अपने खर्चे पर खुद जाये फंसे हुए लोग नहीं मिलेंगी सरकारी व्यवस्था, हल्द्वानी में फंसे बिहार और नेपाल के मजदूर

हल्द्वानी-लॉकडाउन में एक ओर जहां उत्तराखंड के प्रवासी कई राज्यों में फंसे हुए है वहीं अन्य राज्यों के प्रवासी भी उत्तराखंड में फंसे हुए है। ऐसे में अभी तक यहां से कई लोगों को बिहार यूपी भेज दिया गया है। अब प्रशासन ने साफ कर दिया कि जिसे जाना है वह अपने निजी गाड़ी या
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हल्द्वानी-अपने खर्चे पर खुद जाये फंसे हुए लोग नहीं मिलेंगी सरकारी व्यवस्था, हल्द्वानी में फंसे बिहार और नेपाल के मजदूर

हल्द्वानी-लॉकडाउन में एक ओर जहां उत्तराखंड के प्रवासी कई राज्यों में फंसे हुए है वहीं अन्य राज्यों के प्रवासी भी उत्तराखंड में फंसे हुए है। ऐसे में अभी तक यहां से कई लोगों को बिहार यूपी भेज दिया गया है। अब प्रशासन ने साफ कर दिया कि जिसे जाना है वह अपने निजी गाड़ी या फिर ठेकेदार के साथ जा सकता है। प्रशासन सिर्फ उन्हें पास दे सकता है। बताया जा रहा है कि अभी स्टेडियम वाले सेंटर में करीब 35 लोग है।

हल्द्वानी-अपने खर्चे पर खुद जाये फंसे हुए लोग नहीं मिलेंगी सरकारी व्यवस्था, हल्द्वानी में फंसे बिहार और नेपाल के मजदूर
लॉकडाउन की शुरूआत में प्रशासन द्वारा हल्द्वानी व लालकुआं में चार राहत सेंटर बनाए गए थे। जिसमें स्टेडियम, एमबी इंटर कॉलेज, एमबी डिग्री कॉलेज व लालकुआं बारातघर में सैकड़ों की संख्या में इन्हें रखा गया था। जब इनके 14 दिन की क्वारंटीन का समय पूरा हो गया तो इन लोगों ने घर वापसी के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी। फिर प्रशासन ने इन्हें बारी-बारी से घर भेजा। वही सोमवार को एमबी इंटर कॉलेज से करीब 50 बिहारी श्रमिकों अपने गांव चले गए। निजी खर्चे से इन्होंने बस की व्यवस्था की थी। प्रशासन द्वारा सिर्फ पास दिया गया। अब स्टेडियम वाले सेंटर में करीब 35 लोग बाकि है।

जिसमें बीस मूल रूप से नेपाल व अन्य बिहार के निवासी है। नोडल अधिकारी एके कटारिया ने बताया कि नेपाली लोग पहाड़ पर ठेकेदार संग काम करते थे। अगर वह काम पर जाना चाहते है जो जाये। क्योंकि नेपाल पहुंचाने को लेकर परमिशन नहीं है। इसके अलााव बिहारी श्रमिकों से कहा कि वह बस या अन्य वाहन का इंतजाम कर जा सकते हैं।