हल्द्वानी-अब दिव्यांग भी कर सकेंगे वाहनों को ड्राइव, जिले में इस शख्स का बना पहला ड्राइविंग लाइसेंस

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-(जीवन राज/ हनी उपाध्याय)-दिव्यांगों के लिए अब ड्राइविंग लाइसेंस पाना आसान हो गया है। लंबे समय से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परेशान रहने वाले दिव्यांगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब दिव्यांगों के भी ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेंगे। इससे उन्हें दूसरे व्यक्ति पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा और आसानी से एक स्थान
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हल्द्वानी-अब दिव्यांग भी कर सकेंगे वाहनों को ड्राइव, जिले में इस शख्स का बना पहला ड्राइविंग लाइसेंस

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-(जीवन राज/ हनी उपाध्याय)-दिव्यांगों के लिए अब ड्राइविंग लाइसेंस पाना आसान हो गया है। लंबे समय से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परेशान रहने वाले दिव्यांगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब दिव्यांगों के भी ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेंगे। इससे उन्हें दूसरे व्यक्ति पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा और आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ-जा सकेंगे। इस खबर से दिव्यांगों में खुशी का माहौल है। आज नैनीताल जिले में वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाला अंकित सनवाल पहला दिव्यांग बन गया। ड्राइविंग लाइसेंस पाने की खुशी उसके चेहरे पर साफ देखने को मिली। यह प्रदेश सरकार की एक अच्छी पहल है इसे अधिकारी पर बखूबी निभा रहे है।

हल्द्वानी-अब दिव्यांग भी कर सकेंगे वाहनों को ड्राइव, जिले में इस शख्स का बना पहला ड्राइविंग लाइसेंस

अंकित बना लाइसेंस बनाने वाला पहला दिव्यांग

आज हीरानगर मुखानी निवासी अंकित सनवाल पुत्र दिनेश चन्द्र सनवाल का ड्राइविंग लाइसेंस बन गया। वह दिव्यांग है। वह ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाले जिले के पहले दिव्यांग युवा बने है। इस मौके पर उनके पिता दिनेश चन्द्र सनवाल ने कहा कि यह सरकार की अच्छी पहल है। जिससे दिव्यांगों को बराबर का अधिकार मिला है। अब वह अपने बेटे को अकेले इधर-उधर भेज सकते है। अधिकांशत: दिव्यांगों के साथ एक व्यक्ति को रहना पड़ता है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों का भी शुक्रिया अदा किया।

हल्द्वानी-अब दिव्यांग भी कर सकेंगे वाहनों को ड्राइव, जिले में इस शख्स का बना पहला ड्राइविंग लाइसेंस

मेडिकल प्रमाण-पत्र देना जरूरी- संदीप वर्मा

एआरटीओ संदीप वर्मा ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए दिव्यांगों को एक मेडिकल प्रमाण पत्र देना होगा। जिस पर लिखा हो यह व्यक्ति वाहन चलाने के लिए सक्षम है। इसके बाद उसका आरटीओ कार्यालय में टेस्ट होगा। इसे पास कर उसका आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगों की गाड़ी के आगे और पीछे एक लोगों लगेगा। जिससे यह पता चल सकेंगा कि वाहन दिव्यांग चला रहा है। इससे और लोगों को परेशानी भी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आज हल्द्वानी कार्यालय से पहला दिव्यांग ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुआ है। हालांकि लर्निग लाइसेंस कई लोगों के बन चुके है लेकिन पक्का लाइसेंस वाला यह पहला शख्स है।