हल्द्वानी-दुनियां में छायी नैनीताल की हर्बल-टी, जानिये क्यों दूर-दूर से लोग हुए इसके दीवाने

हल्द्वानी-चाय की तलब भी क्या चीज है। इंसान को कहां से कहां ले आती है। नॉर्मल चाय का दीवाना तो हर कोई है लेकिन हर्बल-टी के शौकिन आपकों बहुत मिल जायेंगे। खासकर आज के दौर में हर्बल-टी का प्रचलन रफ्तार पकड़ रहा। नॉर्मल चाय से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है लेकिन हर्बल-टी से
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हल्द्वानी-दुनियां में छायी नैनीताल की हर्बल-टी, जानिये क्यों दूर-दूर से लोग हुए इसके दीवाने

हल्द्वानी-चाय की तलब भी क्या चीज है। इंसान को कहां से कहां ले आती है। नॉर्मल चाय का दीवाना तो हर कोई है लेकिन हर्बल-टी के शौकिन आपकों बहुत मिल जायेंगे। खासकर आज के दौर में हर्बल-टी का प्रचलन रफ्तार पकड़ रहा। नॉर्मल चाय से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है लेकिन हर्बल-टी से आपकों फायदे ही फायदे है। इसी हर्बल-टी के लिए उत्तराखंड का नैनीताल जिला अपनी खास पहचान बना चुका है। जिसका स्वाद लेने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंच रहे है।

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उत्तराखंड के नैनीताल जिले का तल्ला गेठियां गांव हर्बल-टी के लिए अपनी खास पहचान बना चुका है। यहां हर्बल-टी बनाने का काम महिलाएं कर रही हैं। हैरानी की बात यह है कि ये जैविक हर्बल-टी उत्तराखंड की बड़ी-बड़ी चाय कंपनियों को भी फेल कर रही है। यहां बनी हर्बल-टी के लोग दीवाने बन चुके हैं। खास बात यह है कि यह जड़ी-बूटियों, फलों, फूलों, पत्ती व जड़ों से बनाई जाती है जो सीधे किसानों से खरीदी जाती है। इसके बाद इससे पीने योग्य बनाने का काम कर्तव्य कर्मा संस्था से जुड़ी महिलाएं करती हैं। हब्र्स को सुखाने भर से ही हर्बल-टी में इसका इस्तेमाल कर लिया जाए ऐसा बिल्कुल नहीं होता। यहां हर महिला को पता है कि कौन सी हब्र्स को सीधे धूप में सुखाना है या फिर कौन-सी हब्र्स को धूप की छांव में सुखाया जाता है।

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इसे भाप विधि द्वारा तैयार किया किया जाता है। हालांकि ये विधि काफी महंगी होती है लेकिन हब्र्स की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ को बनाए रखने के लिए इस विधि का उपयोग बहुत आवश्यक है।अगर आपको साफ -सुथरी और स्वास्थ्यवर्धक हर्बल-टी का स्वाद लेना है तो थोड़ी जेब ढीली करने की जरूरत पड़ेगी। आपको बता दें कि हर्बल चाय का न्यूट्रीश्नल टेस्ट भी किया जाता है ताकि इसमें हर तत्व यानी इग्रेडिएंट की वैल्यू का पता लगाया जा सके कि इसमें प्रोटीन, फैट, शुगर या फिर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कितनी है। इस सब करने के बाद इसे मार्केट में लाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं। वैसे तो हर्बल-टी पूरे उत्तराखंड में अलग-अलग जगहों पर बनाई जा रही है लेकिन नैनीताल में बनने वाली हर्बल टी काफी रिसर्च के बाद ही लॉन्च की जाती है। इसलिए लोग इसे काफी पसंद कर रहे है।

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