हल्द्वानी-एक नई दिशा की अनोखी पहल, नन्हीं गौरैया को जीवन देने को किया ये नेक काम

प्रकर्ति की सभी रचनाये प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष एक दुसरे पर निर्भर हैं और उनमे हमारे साथ साथ नन्ही गौरैया भी शामिल है । घर हमारे बड़े हो गए हैं, पर दिल इतने छोटे हैं कि उनमे नन्ही सी गौरैया भी नहीं आ पा रही है । पुरे देश में गौरैया संरक्षण एक चिंता का विषय
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हल्द्वानी-एक नई दिशा की अनोखी पहल, नन्हीं गौरैया को जीवन देने को किया ये नेक काम

प्रकर्ति की सभी रचनाये प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष एक दुसरे पर निर्भर हैं और उनमे हमारे साथ साथ नन्ही गौरैया भी शामिल है । घर हमारे बड़े हो गए हैं, पर दिल इतने छोटे हैं कि उनमे नन्ही सी गौरैया भी नहीं आ पा रही है । पुरे देश में गौरैया संरक्षण एक चिंता का विषय है और इसी समस्या पर कार्यरत ” एक नई दिशा ” संस्था कई सालों से ऐसे कदम उठा रही है जो गौरैया संरक्षण में कारगर साबित हुये हैं ।

हल्द्वानी-एक नई दिशा की अनोखी पहल, नन्हीं गौरैया को जीवन देने को किया ये नेक काम
” हमरा प्रयास गौरैया प्रवास ” इस सोच के साथ संस्था के अध्यक्ष विजय पाल जी ने सम्बोधित करते हुए बताया कि एक नई दिशा सालों से गौरैया संरक्षण के लिए लोगो को जागरूग करने के साथ साथ गौरैया के घोंसले भी वितरित करती है । क्यूंकि आधुनिक बनावट वाले मकानों में गौरैया के घोसले के लिए जगह ही नहीं बची है ।

हल्द्वानी-एक नई दिशा की अनोखी पहल, नन्हीं गौरैया को जीवन देने को किया ये नेक काम
गौरैया संरक्षण की इस मुहीम में लोगों को शपथ दिलाते हुए संस्था के अध्यक्ष विजय पाल जी ने बताया कि घोसला लगा रहे हैं तो यह बात भी ध्यान रखने की समय समय पर दाना और पानी मुहैया कराना भी हमारी ज़िम्मेदारी है । एक नई दिशा की ये छोटी सी कोशिश गौरैया को नया जीवनदान दे सकती है।