हल्द्वानी-पहाड़ में अकेली मां और शहर में नौकरी करते बेटे का दर्द बयां कर रहा ये लोकगीत, आप भी सुनिये…

हल्द्वानी-लोकगायक नवीन रावत का एक गीत कस हनेली ईजू मेरी रिलीज हो चुका है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है। इससे पहले लोकगायक नवीन रावत ने सब लौटिल पहाड़ से लोगों को दिल जीता है। उनका यह गीत कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में खूब वायरल हुआ था। यह गीत प्रवासियों के पहाड़ लौटने
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हल्द्वानी-पहाड़ में अकेली मां और शहर में नौकरी करते बेटे का दर्द बयां कर रहा ये लोकगीत, आप भी सुनिये…

हल्द्वानी-लोकगायक नवीन रावत का एक गीत कस हनेली ईजू मेरी रिलीज हो चुका है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है। इससे पहले लोकगायक नवीन रावत ने सब लौटिल पहाड़ से लोगों को दिल जीता है। उनका यह गीत कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में खूब वायरल हुआ था। यह गीत प्रवासियों के पहाड़ लौटने पर सटीक बैठा था। अब उनका एक नया गीत रिलीज हो चुका है कस हनेली ईजू मेरी जो एक बेटे का मां से बिछड़ऩे का दर्द बयां कर रहा है। इस गीत में एक मां के लिए बेटे के प्यार हो नवीन रावन ने अपने शब्दों में बयां किया है। अगर आपके अभी तक यह गीत नहीं सुना है तो एक बार जरूर सुनें आपकी बचपन की यादें ताजा हो जायेंगी।

यह गीत खनारी म्यूजिक यू-टयूब चैनल से रिलीज हुआ है। गीत को लोकगायक नवीन रावत के बड़े भाई कॉमेडियन शिबू रावत ने लिखा है और संगीत सागर शर्मा ने दिया है। यह गीत पहाड़ से पलायन कर शहरों में नौकरी कर रहे उस युवा पर आधारित है जो पहाड़ में अपनी मां को अकेला छोड़ दो रोटी के लिए हजारों किलोमीटर दूर है। उसे अपनी मां की पल-पल याद सताती है। बचपन के दिनों को याद करते हुए गीत के माध्यम से मां के लालन-पालन की को बातों को ताजा किया। नवीन रावत का यह गीत पहाड़ रह रही मां और शहर में नौकरी कर रहे बेटे के बीच की हकीकत हो बयां करता है। गीत में मां से बिछडऩे का दर्द छलकता है।

लोकगायक नवीन रावत ने बताया कि उनका यह गीत पहाड़ के युवाओं की हकीकत को उजागार करता है। किस तरह वह पलायन कर शहरों में दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करता है। नौकरी के साथ-साथ अपने परिवार और मां को बार-बार याद करता रहता है। जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही उनके कई और गीत आने वाले है। इससे पहले उनके कई गीत सुपरहिट हो चुके हैं।