हल्द्वानी- पहाड़ के चुनाव में छाया सौ रुप क बोतल, मतदाताओं को जागरूक कर रहा सुनील का ये गीत

हल्द्वानी-(Jeevan Raj) (Kumaoni Songs Sunil Kumar) इन दिनों प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बच चुका है। ऐसे में सबसे ज्यादा हलचल है। प्रत्याशी अब वोट के लिए घर-घर जाने लगे है। दीदी-भुली, आमा-बूबू कहकर वोट अपने पक्ष में करने में जुटे। वही पहाड़ों में चुनाव के मौसम में दारू का खूब प्रचलन भी है।
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हल्द्वानी- पहाड़ के चुनाव में छाया सौ रुप क बोतल, मतदाताओं को जागरूक कर रहा सुनील का ये गीत

हल्द्वानी-(Jeevan Raj) (Kumaoni Songs Sunil Kumar) इन दिनों प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बच चुका है। ऐसे में सबसे ज्यादा हलचल है। प्रत्याशी अब वोट के लिए घर-घर जाने लगे है। दीदी-भुली, आमा-बूबू कहकर वोट अपने पक्ष में करने में जुटे। वही पहाड़ों में चुनाव के मौसम में दारू का खूब प्रचलन भी है। ऐसे में युवा लोकगायक सुनील कुमार (Singer Sunil Kumar ) का एक गीत जो चुनाव को लेकर लोगों को जागरूक रहा है। इन दिनों बहुत चर्चाओं में है। चुनावी मौसम में आये इस कुमाऊंनी गीत ने लोगों से अपने सही वोट का इस्तेमाल करने को कहा है।

चुनाव में शराब से दूर रहने का संदेश

लोकगायक सुनील कुमार (Singer Sunil Kumar ) का गीत सौ रुपे क बोतल की खूब छाया है। उन्होंने शराब से दूर रहकर निष्पक्ष वोट करने की अपील की है। इस गीत में उनका साथ दिया है गायकी मेघना चन्द्रा ने, जो अभी तक कई सुपरहिट गीत गा चुकी हैं। गीत में विकास कार्यों को पूछकर वोट करने की अपील की गई है। अपने मत का प्रयोग कर सही जनप्रतिनिधि चुनने की अपील की जा रही है जो समाज के लिए एक अच्छा संदेश है। एक युवा लोकगायक द्वारा जिस तरह से लोगों को मतदान के लिए जगाया जा रहा वाकई में काबिलेतारीफ है। यह गीत खालना म्यूजिक उत्तराखंड के बैनर तले रिलीज हुआ है। यू-ट्यूब पर इस गीत को अभी तक 5878 लोग देख चुके हैं।

अपने वोट का सही उपयोग करें लोग- सुनील

इससे पहले भी सुनील कुमार लाल बुरांश, तेरो मेरो प्यार, रटन, पहाड़ ऐ जाओ, तेरी माथे की बिन्दुली, गोविन्दी जैसे सुपरहिट गीत दे चुके हैं। उन्हें गोबिन्दी गीत से बड़ी पहचान मिली। इसके बाद आये उनके पलायन पर आधारित गीत पहाड़ ऐ जाओ ने खाली हो रहे पहाड़ को एक बड़ा संदेश दिया। सुनील कुमार ने बताया कि हर चुनाव में अक्सर देखने को मिलता है कि लोग दारू में अपने वोट का गलत इस्तेमाल कर देते है जो आगे चलकर उनके मार्ग में खुद बांधा बन जाता है। ऐसे में गांव का विकास नहीं हो पाता। अच्छे जनप्रतिनिधि पीछे रह जाते है। जिसका पछतावा बाद में होता है। इसलिए यही वह समय है जब आप अपने मत का सही उपयोग कर सकते है।