हल्द्वानी-मोदी सरकार के खिलाफ दो दिवसीय देशव्यापी विरोध, पढिय़े क्यों ऐक्टू ने की सीएम त्रिवेन्द्र की निंदा

हल्द्वानी- कोरोना आपदा से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन का सारा आर्थिक बोझ देश के मजदूरों पर डाल बड़े-बड़े कॉरपोरेटों व मालिकों का तिजोरी भरने के लिए मोदी सरकार द्वारा मजदूरों को मालिकों, कॉपोरेटों का बंधुआ व गुलाम बनाने के मुहिम के तहत हाल ही में तीन भाजपा शासित राज्यों यूपी में लगभग 3 वर्ष
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हल्द्वानी-मोदी सरकार के खिलाफ दो दिवसीय देशव्यापी विरोध, पढिय़े क्यों ऐक्टू ने की सीएम त्रिवेन्द्र की निंदा

हल्द्वानी- कोरोना आपदा से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन का सारा आर्थिक बोझ देश के मजदूरों पर डाल बड़े-बड़े कॉरपोरेटों व मालिकों का तिजोरी भरने के लिए मोदी सरकार द्वारा मजदूरों को मालिकों, कॉपोरेटों का बंधुआ व गुलाम बनाने के मुहिम के तहत हाल ही में तीन भाजपा शासित राज्यों यूपी में लगभग 3 वर्ष 1000 दिन, गुजरात में सवा तीन साल 1200 दिन के लिये श्रम कानून को शिथिल करने तथा एमपी, यूपी गुजरात, राजस्थान, हिमांचल में 8 घंटा काम को 12 घण्टा कर दिए जाने के तर्ज पर उत्तराखंड में भी श्रम कानूनों को समाप्त करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सरकार की निंदा की है।

हल्द्वानी-मोदी सरकार के खिलाफ दो दिवसीय देशव्यापी विरोध, पढिय़े क्यों ऐक्टू ने की सीएम त्रिवेन्द्र की निंदा

ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स ऐक्टू के उत्तराखंड महामंत्री केके बोरा ने भाजपा सरकार पर निशाना लगते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार मजदूरों-गरीबों के लिये डबल धोखा -डबल मुसीबत की सरकार साबित हुई है। उन्होंने पर हमला करते हुए कहा कि किस मुंह से गरीब मजदूरों का नाम लेते है।

क्या इनकी अंतरात्मा मजदूरों के लिये पत्थर की बन गयी है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से श्रम कानूनों के स्थगन पर विचार के बयान पर उत्तराखंड के मजदूरों से माफी मांगने की भी मांग किया है। कामरेड बोरा ने बताया कि कॉरपोरेटों, मालिकों का तिजोरी भरने के लिये मोदी सरकार द्वारा देश के श्रम कानून जो कि आजादी के दौर में बने है को समाप्त कर देश के करोड़ों मजदूरों को मालिकों का गुलाम व अपने ही देश मे बधुआँ मजदूर बनाने की हिमाकत करने की दिशा में बढ़ गयी है, जो काम कभी विदेशी हुकूमत वाले अंग्रेज किया करते थे आज उन अंग्रेजों से भी आगे बढक़र मोदी सरकार मजदूर विरोधी क्रूर निर्णय कर रही है। श्रम कानूनों को समाप्त किये जाने के खिलाफ ऐक्टू ने आगामी 12-13 मई को देशव्यापी दो दिवसीय विरोध दिवस की घोषणा किया है। इस दौरान ऐक्टू से सम्बद्ध सभी यूनियनें काली पट्टी बांध काम करेंगे। साथ ही श्रम कानूनों को शिथिल व समाप्त करने के आदेश पत्र को जगह-जगह जलाया जाएगा।

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