हल्द्वानी- प्रवासियों को प्रदेश में रोजगार दो, पढिय़े किसने कहा रैबार और घर आवा के राग न गाये राज्य सरकार

हल्द्वानी-उत्तराखंड क्रांति दल को प्रदेश का जनक भी कहा जाता है। आज पूरा देश लॉकडाउन है ऐसे में पहाड़ के सबसे ज्यादा युवा अन्य राज्यों में फंस गये है। राज्य सरकार उन्हें लाने का प्रयास कर रही है। कई नंबर भी जारी किये गये लेकिन वह फोन उठते ही नहीं, मुख्यमंत्री राहत कोष और पीएम
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हल्द्वानी- प्रवासियों को प्रदेश में रोजगार दो, पढिय़े किसने कहा रैबार और घर आवा के राग न गाये राज्य सरकार

हल्द्वानी-उत्तराखंड क्रांति दल को प्रदेश का जनक भी कहा जाता है। आज पूरा देश लॉकडाउन है ऐसे में पहाड़ के सबसे ज्यादा युवा अन्य राज्यों में फंस गये है। राज्य सरकार उन्हें लाने का प्रयास कर रही है। कई नंबर भी जारी किये गये लेकिन वह फोन उठते ही नहीं, मुख्यमंत्री राहत कोष और पीएम केयर फंड में पर्याप्त पैसा उसका सरकार इन युवाओं को घर लाने में इस्तेमाल करे। यह राजनीति ने समय नहीं है हवाबाजी में काम न करें। यह कहना है यूकेडी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी का। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा। आप भी पढ़े-

हल्द्वानी- प्रवासियों को प्रदेश में रोजगार दो, पढिय़े किसने कहा रैबार और घर आवा के राग न गाये राज्य सरकार

उत्तराखण्ड में रोजगार की स्थिति ठीक न होने के कारण यहां के लाखों युवकों को रोजगार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में जाना पड़ता है। आज कोरोना महामारी के चलते प्रवास में रोजगार कर रहे युवको के पास रोजगार भी नहीं है, ऐसे में वह अपने घर लौटना चाह रहे हैं, सरकार ने इसके लिए होमवर्क किये बिना ही काम शुरू कर दिया और एक हेल्पलाइन पर रजिस्ट्रेशन शुरू किए, फिर सरकार ने कहा कि अब उनको नहीं लाया जाएगा, जो रास्ते में फंसे है, सिर्फ उन्हीं को लायेंगे। जिससे उन युवकों के समक्ष गंभीर संकट आ गया है। पहले तो उनके प्रदेश की सरकारें उन्हें रोजगार नहीं दे पाई, जिसके चलते मजबूरी में उन्हें अन्य राज्यों में जाना पड़ा, लाकडाउन के चलते रोजगार बचा नहीं, संचित धन खत्म हो रहा है, अपने राज्य में जाने के लिए जिन अधिकारियों या हेल्पलाईन के नम्बर जारी किये गए हैं वह फोन उठाते नहीं हैं।

हल्द्वानी- प्रवासियों को प्रदेश में रोजगार दो, पढिय़े किसने कहा रैबार और घर आवा के राग न गाये राज्य सरकार

 

मुख्यमंत्री राहत कोष और पीएम केयर फंड में पर्याप्त पैसा है, उसका इस्तेमाल कर सभी युवकों को अपने घर वापस लाया जाना जरूरी है। यह समय राजनीति का नहीं है, यह समय हवाबाजी करने का भी नहीं है। उत्तराखण्ड सरकार को गंभीर होकर देश की तमाम जगहों पर फंसे युवकों की सकुशल घर वापसी करनी होगी, इतना ही नहीं उन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण भी करना होगा और हर तहसील मुख्यालय में उनको 14 दिन आईशोलेशन में रखकर गांव भेजना होगा। इसके बाद सरकार देहरादून के होटलों के मीटिंग हॉलों में जो 3 साल से स्वरोजगार, रैबार और घर आवा के राग गाकर सुर्खियां बटोर रही है, उसको धरातल पर उतरना होगा, ताकि जो युवा इस समय लुट पिट कर घर पहुंचेगा, वह दोबारा कहीं बाहर जाने में डरेगा। सरकार उसके स्किल और श्रमशक्ति का प्रयोग करे और उनको प्रदेश के अंदर ही रोजगार दिलाये।

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