हल्द्वानी- हरीश रावत के ट्वीट पर नेता प्रतिपक्ष का वार, इस बात को लेकर की हरदा से प्रार्थना

उत्तराखंड कांग्रेस के अंदर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व सीएम हरीश रावत खेमा और प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश खेमे के बीच चुनावी तैयारियां छोड़ मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बयान और उसके बाद पलटवार का सिलसिला शुरू हो चुका है। दरअसल हालहीं में हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव
 | 
हल्द्वानी- हरीश रावत के ट्वीट पर नेता प्रतिपक्ष का वार, इस बात को लेकर की हरदा से प्रार्थना

उत्तराखंड कांग्रेस के अंदर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व सीएम हरीश रावत खेमा और प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश खेमे के बीच चुनावी तैयारियां छोड़ मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बयान और उसके बाद पलटवार का सिलसिला शुरू हो चुका है। दरअसल हालहीं में हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने का ट्वीट किया था, जिसके बाद से यह कोल्ड वार शुरू हुआ है। वही पूरे मामले में अब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत पर न सिर्फ तीखी टिप्पणी की है बल्कि इशारों ही इशारों में बहुत कुछ याद भी दिलाया है।

राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा चेहरे

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हरीश रावत क्या लिखते हैं, क्या बोलते हैं, इसके लिए वह पूर्ण रुप से स्वतंत्र हैं। ब्लाक प्रमुख से मुख्यमंत्री तक इतनी लंबी राजनीति करने के बाद पूरी तरह से आजाद हैं। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि उनकी हरीश रावत से केवल एक ही प्रार्थना है कि वह ऐसा माहौल बनाएं की जनता कांग्रेस के पक्ष में वोट करने

को तैयार हो। उन्होंने यह भी कहा कि हम सब एकजुट हैं, लेकिन जिन की महत्वाकांक्षा ज्यादा है वह एकजुट नहीं होना चाहते। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अगर हरीश रावत खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करवाते हैं तो उनको बिल्कुल भी आपत्ति नहीं है। यह काम केवल राष्ट्रीय नेतृत्व का है।

आंतरिक घमासान जारी

वही हरीश रावत के चेहरा बनाए जाने के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या आज तक कांग्रेस ने किसी को चेहरा बनाया है? और तंज कसते हुए कहा कि बनाया तो इसी चुनाव में था हरीश रावत को, जिसमें हम 11 सीट पर आगए, 1 जिले में भी एक सीट नहीं ला पाए और मुख्यमंत्री खुद दोनों जगह से लड़े और परिणाम सबके सामने है। कुल मिलाकर कांग्रेस के चुनाव मोड में उतरने से पहले भीषण आंतरिक घमासान का दौर चल रहा है। ऐसे हालातों में फिलहाल इसके थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे।