हल्द्वानी-जीतपुर नेगी के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार, मतदाता जागरूकता अभियान पर लगा पलीता

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज जीतपुर नेगी के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी। सभी ग्रामीणों ने एकत्र होकर हाथों में पोस्टर लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें उनका अधिकार नहीं मिल जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कोई राजनीति दल नहीं
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हल्द्वानी-जीतपुर नेगी के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार, मतदाता जागरूकता अभियान पर लगा पलीता

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज जीतपुर नेगी के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी। सभी ग्रामीणों ने एकत्र होकर हाथों में पोस्टर लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें उनका अधिकार नहीं मिल जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कोई राजनीति दल नहीं बल्कि समस्त ग्रामीण है जो अपने हक के लिए लड़ रहे है। उन्होंने गांव के रास्तों के अंदर आने वाले मुख्य मार्गों पर बैनर लगाकर मतदान का विरोध किया है। ग्रामीणों ने साफ कहा कि जिस तरह का अन्याय शासन-प्रशासन ने हमारे साथ किया उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। इस गंाव में करीब 400 परिवार निवास करते है जिसमें करीब 3000 से ऊपर की आबादी है। उनका नारा है न्याय नहीं तो वोट नहीं। ऐसे में यह निर्वाचन आयोग के मतदाता जागरूकता अभियान पर पलीता लगाने का काम कर रहा है।हल्द्वानी-जीतपुर नेगी के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार, मतदाता जागरूकता अभियान पर लगा पलीता

नये परिसीमन में ग्राम पंचायत से हटाया गांव

ग्रामीणों ने बताया कि शासन द्वारा नगर निगम परिसीमन के बाद आधे जीतपुर नेगी ग्राम को नगर निगम में जोड़ दिया गया जबकि उसके पूर्वी हिस्से के भाग को छोड़ दिया गया। इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि इसके बाद हुए ग्राम पंचायत के परिसीमन में उन्हें ग्राम पंचायत से भी हटा दिया गया। इसकी किसी प्रकार की सूचना ग्रामीणों को नहीं दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पहले की भांति ग्राम पंचायत में जोड़ा जाय। इसके लिए उन्होंने जिले भर के कई अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। जिसके बाद ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार का एलान किया है।

पहले की भांति ग्राम पंचायत में जोडऩे की मांग

बता दें कि जीतपुर नेगी के पूर्वी हिस्से में करीब 400 से अधिक परिवार निवास कर रहे है। पिछले 60 सालों से वह लोकसभा, विधानसभा, ग्राम पंचायत चुनावों में मतदान करते आये है। साथ ही उनके पास राशन कार्ड, वोटरकार्ड, आधारकार्ड, बिजली बिल समेत कई सरकारी दस्तावेज मौजूद है, लेकिन प्रशासन ने इस बार हुए नये परिसीमन उन्हें बिना किसी कारण के ग्राम पंचायत से बाहर कर दिया गया जिससे ग्रामीणों में रोष उत्पन्न है। आज सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में चुनाव बहिष्कार का एलान कर दिया। ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक उन्हें पहले की भांति ग्राम पंचायत में नहीं जोड़ा जाता, तब तक उनका बहिष्कार जारी रहेगा। इस दौरान गीता कार्की, पिंकी कश्यप, ममता देवी, सुनीता देवी, सुशीला देवी, प्रीति देवी, पवन कुमार, संजय कश्यप, रवि कुमार, कमल कुमार, दीपक कुमार, खीमानंद आर्या, पूरन लाल, तरूण कश्यप, कृष्णा मौर्या सहित कई ग्रामीण मौजूद थे। इस संबध में जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने कहा कि परिसीमन के छूटने की कुछ वजह रही होगी। इस संबंध में पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।  वही मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि गांव छूटा होगा, कही न कही वह गांव शामिल हुआ होगा। ऐसे में ग्रामीणों से वार्ता की जायेंगी जिससे समाधान हो सकें।