हल्द्वानी-जमरानी बांध परियोजना पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐसे ली अधिकारियों की क्लास, कोश्यारी ने सुनाई पूरी कहानी
हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- एक बार फिर तराई-भाबर के लिए जीवन मरण का प्रश्न बन चुकी बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को लेकर उम्मीदें जगी हैं। समय-समय पर जमरानी के मुद्दे को कई नेता उठाते आये है। माना जा रहा है कि अब शीघ्र ही बांध निर्माण का सपना साकार हो सकता है। यह बात मगलवार को सासंद भगत सिंह कोश्यारी ने अफसरों के क्लास की पूरी कहानी मीडिया के सामने सुनाई । उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जमरानी बांध को लेकर वह केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले। इस दौरान उन्होंने जमरानी के शीघ्र निर्माण की बात की। और उसमें आ रही बाधाओं से भी अवगत कराया। गडकरी ने अधिकारियों के उनके सम्मुख जमकर क्लास लगाई और शीघ्र से समस्या को सुलझाने को कहा। कोश्यारी ने कहा कि जमरानी पर डीपीआर मिल गई है शीघ्र टीईसी भी मिल जायेगी। साथ ही वह प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
वर्ष 1975 में मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि लंबे जन आंदोलन के बाद वर्ष 1975 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी। इस समय 61.25 करोड़ रुपये भी परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए थे। इसके तहत 1981 में गौला बैराज और 40 किमी लंबी नहरों का निर्माण किया गया, जिसमें 24.59 करोड़ रुपये खर्च हुए। वर्ष1984 में परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया। लेकिन परियोजना को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिली है। मंत्रालय की नई-नई आपत्तियों का जवाब देते रहे। लेकिन अब डीपीआर मंजूरी और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का सख्य रवैया होने से जमरानी बांध बनने की उम्माीदें भी बढ़ गई है।
ऐसे होगा जमरानी बांध का फायदा
हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों की पेयजल व्यवस्था।
तराई.भाबर और यूपी के बरेली, बहेड़ी, मुरादाबाद आदि जिलों की सिंचाई।
14 मेगावाट बिजली उत्पादन।
पर्यटन विकास, मत्स्य पालन, नौकायन आदि।