हल्द्वानी-जहां कैलाश वहा जाम का नाम ही नहीं, इनके काम से विभाग और जनता दोनों खुश

Haldwani News- दिन भर एक जगह पर रहने से अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते है। लेकिन इनके लिए गर्मी, सर्दी और बरसात एक जैसी है। दिनभर सडक़ पर कभी दांये कभी बांये। नजर घूमाने के साथ-साथ दिमाग की चलाना पड़ता है। साथ ही जाम के झाम से लोगों को दूर रखने क पूरा प्रयास करने
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हल्द्वानी-जहां कैलाश वहा जाम का नाम ही नहीं, इनके काम से विभाग और जनता दोनों खुश

Haldwani News- दिन भर एक जगह पर रहने से अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते है। लेकिन इनके लिए गर्मी, सर्दी और बरसात एक जैसी है। दिनभर सडक़ पर कभी दांये कभी बांये। नजर घूमाने के साथ-साथ दिमाग की चलाना पड़ता है। साथ ही जाम के झाम से लोगों को दूर रखने क पूरा प्रयास करने वाले कैलाश सिंह की हर कोई तारीफ कर रहा है। वह दिनभर ट्रैफिक से जूझते रहते है। इसके बावजूद उनके चेहरे पर कोई परेशानी का भाव नहीं दिखता है। इसकी का नाम उन्हें सम्मान के तौर में मिला।

हल्द्वानी-जहां कैलाश वहा जाम का नाम ही नहीं, इनके काम से विभाग और जनता दोनों खुश
दिनभर उमस भरी गर्मी और या फिर ठिठुरन भरी ठंड लेकिन इन सबकों भूलकर शहर की यातायात व्यवयस्था पर ध्यान क्रेन्द्रित करना कोई कैलाश सिंह से सीखें। यातायात नियंत्रण में जो चेहरा इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। व्यवहार, अनुशासन और उनके ड्यूटी के तरीके ने कैलाश को अक्टूबर माह का ट्रैफिक कान्सटेबिल ऑफ द मंथ बनाया। कैलाश सिंह साढ़े छह घंटे पूरे जोश और अनुशासन के साथ निभाते है। वह 14 ट्रैफिक पाइंटों पर ट्रैफिक को कंट्रोल करते है। टीएसआई महेश चन्द्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस द्वारा पिछले तीन माह से ट्रैफिक में बेहतर कार्य करने वाले को सम्मानित करने की मुहिम चलाई गई है। यह मुहिम सिपाहियों के मनोबल को बढ़ाने का काम कर रही है। जिससे प्रेरणा लेकर और सिपाही भी टै्रफिक कंट्रोल करने में अपनी ड्यूटी अनुसाशन और निष्ठा के साथ निभा रहे है।

हल्द्वानी-जहां कैलाश वहा जाम का नाम ही नहीं, इनके काम से विभाग और जनता दोनों खुश

महेश चन्द्रा ने बताया कि इस मुहिम से शहर के ट्रैफिक पर काफी असर पड़ा है। लोगों को जाम के झाम से मुक्ति मिल रही है। उन्होंने कहा कि सडक़ पर वाहनों का अत्यधिक दबाव है। लगातार हल्द्वानी की जनसंख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में हमारी यह मुहिम ट्रैफिक सिपाहियों में जोश भरने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के प्रति वफादारी, अनुशासासित और व्यवहार कुशल होना सबसे बड़ी बात है।