हल्द्वानी- नया कीर्तिमान बनाने वाला भारत का पहला खिलाड़ी बना उत्तराखंड का यह लाल, अब गोल्ड पर नजर

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क- (जीवन राज)- देवभूमि में एक के बाद एक प्रतिभाएं उभरकर सामने आ रही हैं। जहां एक ओर बेटियां शिक्षा, खेल, सौंदर्य, सेना के अलावा अन्य क्षेत्रों में मैदान मार रही है। वहीं देवभूमि के बेटे भी हर कठिनाई को पार कर नया कीर्तिमान बना रहे है। ऐसा ही एक नाम है
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हल्द्वानी- नया कीर्तिमान बनाने वाला भारत का पहला खिलाड़ी बना उत्तराखंड का यह लाल, अब गोल्ड पर नजर

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क- (जीवन राज)- देवभूमि में एक के बाद एक प्रतिभाएं उभरकर सामने आ रही हैं। जहां एक ओर बेटियां शिक्षा, खेल, सौंदर्य, सेना के अलावा अन्य क्षेत्रों में मैदान मार रही है। वहीं देवभूमि के बेटे भी हर कठिनाई को पार कर नया कीर्तिमान बना रहे है। ऐसा ही एक नाम है मुकेश पाल। मुकेश पाल वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में एसआई के पद पर कार्यरत है। शुरू से ही खिलाड़ी रहे मुकेश पाल इस बार अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर मुकेश पाल जून में चीन में होने वाले विश्व पुलिस ऑलंपिक खेलों में दम दिखाएंगे। पुलिस ऑलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले मुकेश पाल देश के पहले वेटलिफ्टर हैं। मुकेश पाल ने 2001 में वेट लिफ्टिंग शुरू की। वह पांच बार राज्य चैंपियन, स्ट्रांगमैन, कुमाऊं विश्वविद्यालय चैंपियन और स्ट्रांग मैन ऑफ कुमाऊं रह चुके है।

हल्द्वानी- नया कीर्तिमान बनाने वाला भारत का पहला खिलाड़ी बना उत्तराखंड का यह लाल, अब गोल्ड पर नजर

गरीबी में बीता बचपन

न्यूज टुडे नेटवर्क से खास बातचीत में मुकेश पाल ने बताया कि आगामी जून 2019 में चीन में होने वाले विश्व पुलिस ऑलंपिक में वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह इस प्रतियोगिता में क्वालीफाई करने वाले भारत और उत्तराखंड राज्य के पहले खिलाड़ी है। इससे पहले भी उन्हें उनके बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत उत्तरांचल खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया और उत्तराखंड खेल ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया। इसके अलावा उनके झोली में कई पदक गये है। मुकेश ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। परिवार की आजीविका चलाने के लिए उन्होंने दूध बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया। साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और बहनों को भी आगे बढ़ाया। इसके बाद बहनों की शादी भी की। वर्ष 2008 में वह उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हो गये।

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मुकेश के सपनों को पुलिस ने लगाये पंख

उत्तराखंड पुलिस में भर्ती होने के बाद उनके खेल को पंख लगने शुरू हुए। इसके बाद उन्होंने राज्य से लेकर देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने गोल्ड, रजत और कांस्य पदक जीतकर पुलिस विभाग, राज्य और देश का नाम रोशन किया। मुकेश पाल ने बताया कि उनके खेल में उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों से लेकर क्षेत्र के अन्य पदों पर बैठे अधिकारियों ने उनका काफी सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि खासतौर पर एडीजी अशोक कुमार, आईजी अमित सिन्हा के अलावा कई पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया। साथ ही उनका हौंसला भी बढ़ाया। अधिकारियों और परिजनों के सहयोग की बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे है। उन्होंने कहा कि देश के लिए विदेशों में खेलना मेरे लिए गर्व की बात है।

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मेडलों से भर गई मुकेश की झोली

वर्तमान में वह पुलिस विभाग की ओर से खेलते हैं। मुकेश पाल ने बताया कि विश्व पुलिस ओलंपिक खेलों में 100 से अधिक देशों के करीब 40 हजार खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। अभी पुलिस नेशनल गेम्स के आधार पर अन्य वेटलिफ्टरों और खिलाडिय़ों का चयन होगा। वर्ष 2003 एशियन गेम्स में मुकेश ने कांस्य पदक पर कब्जा कर अपनी छाप छोड़ी। इसके बाद मुकेश आगे बढ़ते ही चले गये। मुकेश ने वर्ष 2004 लखनऊ में ओपन नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वही वर्ष 2005 उज्बेकिस्तान में कांस्य मेडल जीता। वर्ष 2006, 07, 08 में नेशनल फेडरेशन कप में सिल्वर पदक जीता। वही वर्ष 2009 में ओपन सीनियर नार्थ जोन चैंपियनशिप में गोल्ड झटक लिया। इसके बाद वर्ष 2010 कॉमनवेल्थ में एक बार फिर गोल्ड पर कब्जा जमाया। वर्ष 2011 लंदन ऑपन चैंपियनशिप इग्लैण्ड में गोल्ड मेडल, वर्ष 2013 में विश्व पुलिस गेम्स में इग्लैण्ड-आयरलैण्ड में सिल्वर मेडल, विश्व पुलिस गेम्स यूएसए में 2015 में सिल्वर मेडल, और 2017 विश्व पुलिस गेम्स कैलीफोर्निया में कांस्य जीतकर देश का नाम रोशन किया।