हल्द्वानी- कहीं शटर गिरे तो कही चालू नज़र आये बाजार, उत्तराखंड में भारत बंदी का ऐसा रहा असर

#हरशहर _चालूहै .. देश में उग्र हो रहे किसान आंदोलन के चलते आज यानी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया। हालाकिं किसानों के इस ऐलान का असर पूर्ण रूप से देखने को नहीं मिला। देश में कही बंदी नज़र आई तो कही बाजार रोजाना की तरह ही सज़े नज़र आये। उत्तराखंड
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हल्द्वानी- कहीं शटर गिरे तो कही चालू नज़र आये बाजार, उत्तराखंड में भारत बंदी का ऐसा रहा असर

#हरशहर _चालूहै .. देश में उग्र हो रहे किसान आंदोलन के चलते आज यानी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया। हालाकिं किसानों के इस ऐलान का असर पूर्ण रूप से देखने को नहीं मिला। देश में कही बंदी नज़र आई तो कही बाजार रोजाना की तरह ही सज़े नज़र आये। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी में भी इस बंदी का खासा असर देखने को नहीं मिला। यहां कुछ व्यापारियों ने किसानों का समर्थन करते हुए अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा, जबकि कुछ ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए खुद को बंदी से अलग बताया।

टीपीनगर व्यापारियों ने नहीं किया भारत बंद का समर्थन

हल्द्वानी में ट्रांसपोर्टरों का हब कहे जाने वाले ट्रांसपोर्ट नगर में व्यापारी एसोसिएशन ने अपनी दुकानों को खुला रखा। उन्होंने खुद को किसानों के बंद के आह्वान से अलग किया। एसोसिएशन के पादाधिकारियों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया लेकिन भारत बंद से खुद का कोई मतलब नहीं बताया। उनकी माने तो ट्रांसपोर्ट नगर में 800 से अधिक व्यापारी कारोबार करते है। बिना किसी तैयारी के एकाएक सभी को बंद करने लिए कहना संभंव नहीं है। हालाकिं यहां व्यापारियों ने किसानों की मांगो को जायज बताते हुए भारत सरकार से मांगो को जल्द मांगने की मांग की है।

क्यों हो रहा किसान आंदोलन

देशभर में बीते कुछ दिनों से किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों और प्रस्तावित बिजली अधिनियम-2020 के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। बता दें कि देश के कई हिस्‍सों खासकर दिल्‍ली से लगी सीमाओं पर किसान पिछले 13 दिनों से कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कृषि कानूनों को वापस ले। इसके चलते ही आज किसानों ने भारत बंद का भी आह्वान किया है।