हल्द्वानी- वर्षों से निवास कर रहे सैकड़ों परिवार न पंचायत के रहे न निगम के, अब ऐसे जवाब देने की तैयारी में जुटे जीतपुर नेगी के ग्रामीण

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- नगर निगम सीमा विस्तार के बाद जीतपुर नेगी के पूर्वी क्षेत्र के हिस्से को छोड़ दिया गया। जिसके बाद प्रशासन ने जीतपुर नेगी के आधे हिस्से को ही नगर निगम में शामिल किया। जबकि इससे पहले पंचायत में दोनों हिस्से एक थे। इसके बाद हुए पंचायत परिसीमन में भी जीतपुर के आधे
 | 
हल्द्वानी- वर्षों से निवास कर रहे सैकड़ों परिवार न पंचायत के रहे न निगम के, अब ऐसे जवाब देने की तैयारी में जुटे जीतपुर नेगी के ग्रामीण

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- नगर निगम सीमा विस्तार के बाद जीतपुर नेगी के पूर्वी क्षेत्र के हिस्से को छोड़ दिया गया। जिसके बाद प्रशासन ने जीतपुर नेगी के आधे हिस्से को ही नगर निगम में शामिल किया। जबकि इससे पहले पंचायत में दोनों हिस्से एक थे। इसके बाद हुए पंचायत परिसीमन में भी जीतपुर के आधे छूटे हिस्से को राजस्व में भी शामिल नहीं किया गया। अब जीतपुर नेगी का पूर्वी हिस्सा न ग्राम पंचायत का रहा न नगर निगम का, ऐसे में वहां निवास कर रहे करीब 200 से ज्यादा परिवार अपने को ठगा-सा महसूस कर रहे है। रविवार को ग्रामीणों ने इस मामले में बैठक की और इसका जवाब देने की तैयारी में जुट गये।

हल्द्वानी- वर्षों से निवास कर रहे सैकड़ों परिवार न पंचायत के रहे न निगम के, अब ऐसे जवाब देने की तैयारी में जुटे जीतपुर नेगी के ग्रामीण

बोले ग्रामीण किस आधार में हमें पंचायत से हटाया

ग्रामीणों का कहना है कि वह पिछले 60 वर्षों से यहां स्थायी रूप से निवास करते आ रहे हैं। उनके पास आधारकार्ड, वोटरकार्ड, राशनकार्ड से लेकर बिजली बिल, पानी बिल भी मौजूद है। विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनावोंं मे मतदान करते आ रहे है और सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें मिला है, लेकिन अब उन्हें नगर निगम विस्तार के बाद न तो पंचायत में शामिल किया और न ही नगर निगम में ऐसे में ग्रामीणों में काफी रोष है। बैठक में सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में इसका जवाब देने की योजना बनाई है। अधिकारियों के पास जाने पर अधिकारी इस पूर्वी क्षेत्र की इस भूमि को वन विभाग की जमीन होने की बात कहते है जबकि वन विभाग ने कई वर्षों पहले साफ कर दिया कि इस भूमि से वन विभाग का कोई लेना-देना नहीं है। बकायदा इसके कागज लिखित रूप में ग्रामीणें के पास मौजूद है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अपने सवाल का जवाब चाहिए आखिर किस आधार पर उन्हें पंचायत से भी हटा दिया गया।

जीतपुर के पूर्वी क्षेत्र को अलग गांव बनाने की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पहले की भांति ग्राम पंचायत में जोड़ा जाय। अगर शासन-प्रशासन ऐसा नहीं कर सकता तो उनका अलग गांव बनाया जाय। ग्रामीणों ने बताया कि यहां करीब 200 से ज्यादा परिवारों में 3000 से ऊपर आबादी निवास करती है। ऐसे में इसे एक अलग गांव बनाया जा सकता है। उन्होंने साफ कहा कि अगर हमें ग्राम पंचायत में शामिल नहीं किया गया तो सभी ग्रामीण योजनाबद्ध तरीके से इसका जवाब देंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस दौरान युवाओं ने एकजुट होकर लोगों से आगे आने की अपील की। जिसके बाद ग्रामीण एजकजुटा दिखाई।