हल्द्वानी- हिंदी पत्रकारिता दिवस, बिना रंग के इंद्रधनुष की तरह है फोटो के बिना समाचार: पदमश्री अनुप शाह

उत्तराखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन व उत्तराखण्ड पत्रकार महासंघ के संयुक्त तत्वाधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित ‘वर्तमान परिदृश्य में फोटो पत्रकारिता’ विषय पर आधारित गोष्ठी का आयोजन नैनीताल जिला सहकारी बैंक के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पदमश्री अनुप शाह ने उपस्थित पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे अपनी
 | 
हल्द्वानी- हिंदी पत्रकारिता दिवस, बिना रंग के इंद्रधनुष की तरह है फोटो के बिना समाचार: पदमश्री अनुप शाह
उत्तराखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन व उत्तराखण्ड पत्रकार महासंघ के संयुक्त तत्वाधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित  ‘वर्तमान परिदृश्य में फोटो पत्रकारिता’ विषय पर आधारित गोष्ठी का आयोजन नैनीताल जिला सहकारी बैंक के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पदमश्री अनुप शाह ने उपस्थित पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे अपनी फोटोग्राफी के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि समस्याओं को उजागर करने के लिए फोटोग्राफी जर्नलिज्म  में बडी सम्भावनाएं है। पहाड़ के वनों में धधकती अग्नि से तबाह हो रही  वन सम्पदा को अगर फोटो पत्रकार बारिकी से अपनी फोटो में  फिल्मांकन कर पाठकों के सामने प्रस्तुत करे  तो निश्चित रूप से शासन – प्रशासन पर दबाव ही नहीं बनेगा बल्कि इस समस्या से निपटने के लिए सम्बन्धित विभाग पहले से ही अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा। रख रखाव का दंश झेलते पहाड़ की  अमूल्य धरोहर जो नष्ट होने के कगार पर है उसे भी फोटो जर्नलिस्ट समाचार पत्र के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत कर सकता हैं। उनका कहना था कि पहाड़ की जिन धरोवरो को  पर्यटन से जोड़कर का कार्य किया जाना था वह  दयनीय स्थिति में है।
हल्द्वानी- हिंदी पत्रकारिता दिवस, बिना रंग के इंद्रधनुष की तरह है फोटो के बिना समाचार: पदमश्री अनुप शाह
फोटोग्राफी के क्षेत्र में देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना नाम कमा चुके पद्मश्री अनूप शाह ने कहा कि पिक्चर्स के बिना समाचार पत्रो में छपने वाले  समाचार उसी तरह है जैसे  रंगो के बिना इन्द्र धनुष। दैनिक जागरण के संपादक आशुतोष सिंह ने कहा कि फिल्मांकन के माध्यम से समाचार स्वंय ही उजागर हो जाता है। वही समाचार के क्षेत्र में फोटो पत्रकारिता का बड़ा महत्व है। कई अच्छे फोटो पत्रकार इस क्षेत्र में ही कार्य करते हुए बड़े समाचार पत्रों के सम्पादक तक रह चुके है।
हल्द्वानी- हिंदी पत्रकारिता दिवस, बिना रंग के इंद्रधनुष की तरह है फोटो के बिना समाचार: पदमश्री अनुप शाह
यूनियन के जिला अध्यक्ष  ओपी पाण्डे, गणेश पाठक, गौरव गुप्ता, अरविन्द मलिक, अनुज सक्सेना, विपिन चन्द्रा व दिनेश पाण्डे आदि ने भी सम्बोधित किया। गोष्ठी का संचालन महेन्द्र सिंह नेगी ने किया। इस दौरान पत्रकार राजेश सरकार, मनोज आर्या, अमित चैधरी, गुरमीत सिंह, अंकित शाह, कमल राजपाल, मनोज तलवार, गिरीश चन्दोला, सौरभ बजाज, योगेश शर्मा, हर्ष रावत, सचिन जोशी, त्रिलोक चन्द्रा, गणेश जोशी, हिमाशुं वाष्णेय, अतुल अग्रवाल समेत तमाम पत्रकार मौजूद रहे।
हल्द्वानी- हिंदी पत्रकारिता दिवस, बिना रंग के इंद्रधनुष की तरह है फोटो के बिना समाचार: पदमश्री अनुप शाह
इस दौरान श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिला अध्यक्ष डॉ विपिन चन्द्रा ने कहा कि आज डिजिटल मीडिया फ़ोटो जर्नलिज्म के कारण ही समाज में पहुच रहा है अगर फ़ोटो  न्यूज़ में से हटा दिया जाय तो डिजिटल मीडिया भी नहीं टिक सकेगा। क्योंकि ख़बर की पिक्चर देखकर ही पाठक समाचार को पढ़ने का मन बनाता है।

हल्द्वानी- हिंदी पत्रकारिता दिवस, बिना रंग के इंद्रधनुष की तरह है फोटो के बिना समाचार: पदमश्री अनुप शाह‘दस्ताने वाली बहू‘ पुस्तक का हुआ विमोचन 

सेवानिवृत प्रधानाचार्य नवीन चन्द्र जोशी ‘नित्यम’ द्वारा लिखित ‘दस्ताने वाली बहू‘ पुस्तक का विमोचन पद्मश्री अनूप शाह व वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक श्री जोशी ने बताया कि उन्होंने पहाड़ के दर्द को इस पुस्तक में अपने शब्दों के माध्यम से उकेरा है। उन्होंने बताया कि पहाड़ की बहू अपने पति से दस्ताने की मांग करती है इसके पीछे क्या वजह है इसका उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है।