हल्द्वानी- सरकार ने छोटे व्यापारियों के पेट पर मारी लात, नाराज व्यापारी ने ऐसे की अपनी आवाज बुलंद

सरकार द्वारा इ-कॉमर्स सेक्टर व उनसे जुड़े डिलीवरी वाहन और कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान छूट देने के आदेश का हल्द्वानी के व्यापारियों ने विरोध किया है। व्यापारियों की माने तो सरकार के लॉकडाउन के फैसले का उन्होंने पूरी तरह समर्थन किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी के निर्देश का पालन करते हुए किसी ने
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हल्द्वानी- सरकार ने छोटे व्यापारियों के पेट पर मारी लात, नाराज व्यापारी ने ऐसे की अपनी आवाज बुलंद

सरकार द्वारा इ-कॉमर्स सेक्टर व उनसे जुड़े डिलीवरी वाहन और कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान छूट देने के आदेश का हल्द्वानी के व्यापारियों ने विरोध किया है। व्यापारियों की माने तो सरकार के लॉकडाउन के फैसले का उन्होंने पूरी तरह समर्थन किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी के निर्देश का पालन करते हुए किसी ने भी अपनी दुकानों में कार्य कर रहे कर्मचारियों को नहीं निकाला न किसी तरह की उनके वेतन में कोई कटौती की।

अपने परिवार और नगरवासियों की सुरक्षा के लिए सभी ने अपनी दुकानों को बंद रखा, इस उम्मीद से कि लॉकडाउन के बाद बाजार खुलने पर वे अपने नुकसान की भरपाई कर लेंगे। लेकिन अब 20 अप्रैल के बाद सरकार के ऑनलाईन खरीद को मंजूरी देने के बाद उनकी उम्मीदों में पानी फिर गया है। सभी बड़े-छोटे व्यापारी अपने व्यापार को लेकर चिंतित है।

हल्द्वानी- सरकार ने छोटे व्यापारियों के पेट पर मारी लात, नाराज व्यापारी ने ऐसे की अपनी आवाज बुलंद

बढ़ेगा कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा

देवभूमी व्यापार मंडल हल्द्वानी के नगर संगठन मंत्री और गारमेंट्स शॉप के स्वामी पंकज गुप्ता की माने तो लॉकडाउन के कारण सभी व्यापारी लंबे समय से काफी नुक्सान झेल रहे है। सभी लॉकडाउन खत्म होने पर अपनी दुकानें खुलने और ब्रिकी होने के इंताजार में बैठे है। उनकी माने तो ऐसे में सरकार द्वारा ऑनलाईन शॉपिंग को मंजूरी देना कही न कही व्यापारियों के हित के खिलाफ है। इससे न केवल उनका व्यापार प्रभावित होगा बल्कि दिल्ली में पिज्जा डिलीवरी बॉय से फैले कोरोना संक्रमण की तरह, यहां भी यह खतरा बढ़ जाएगा। सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता हैं।

हल्द्वानी- सरकार ने छोटे व्यापारियों के पेट पर मारी लात, नाराज व्यापारी ने ऐसे की अपनी आवाज बुलंद

लॉकडाउन नियम सबके लिए हो एक

हल्द्वानी के मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी दिगविजय सिंह रस्तोगी की माने तो पिछले 1 महीने से लॉकडाउन के कारण मार्केट बंद है। ऐसे में दुकान का कियारा, कर्मचारियों का वेतन, बैंक की किश्ते इन सभी का भार व्यापारी के सिर पड़ रहा है। इन सब के बीच ऑनलाइन शॉपिंग को मंजूरी मिलने से लोग जरुरतों के सामान को ऑनलाईन मंगवा लेंगे, जोकि बाजारों में दुकान चला रहे व्यापारियों की जेबों में डाका है। उनकी माने तो लॉकडाउन के नियम सबके के लिए एक होने चाहिए। उन्होंने व्यापारियों की इस समस्या के चलते शासन और प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की बात भी कही है।