हल्द्वानी-पिता की राह पर चले तरूण, घर पर 400 मास्क बनाकर गांव में बांटे

हल्द्वानी-(जीवन राज)-कोरोना वायरस से पूरी दुनियां दशहत में है। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन किया गया हैं। ऐसे में लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। लोगों को बाहर निकलने से पहले मास्क पहनने और सेनेटाइजर से हाथ साफ करने को कहा गया है। ऐसे में कुछ लोग बिना
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हल्द्वानी-पिता की राह पर चले तरूण, घर पर 400 मास्क बनाकर गांव में बांटे

हल्द्वानी-(जीवन राज)-कोरोना वायरस से पूरी दुनियां दशहत में है। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन किया गया हैं। ऐसे में लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। लोगों को बाहर निकलने से पहले मास्क पहनने और सेनेटाइजर से हाथ साफ करने को कहा गया है। ऐसे में कुछ लोग बिना स्वार्थ के लोगों की सुरक्षा कर रहे है। जीतपुर नेगी में टेलरिंग का काम करने वाले तरूण कश्यप इन दिनों घर पर ही मास्क बनाकर अपने गांव में बांट रहे है। गांव के लोग मास्क खरीदने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में तरूण ने ठाना कि वह खुद अपने घर पर मास्क बनाकर लोगों को बांटेंगे, जिससे खुद की सुरक्षा के साथ-साथ ही गांव की सुरक्षा भी होंगी। अभी तक तरूण करीब 400 मास्क बांट चुके हैं।

हल्द्वानी-पिता की राह पर चले तरूण, घर पर 400 मास्क बनाकर गांव में बांटे

तरूण कश्यप अपने पिता धर्मपाल कश्यप की राह पर चल रहे है। इससे पहले उनके पिता धर्मपाल कश्यप अपने किरायेदारों का किराया माफ कर चुके हैं। अब तरूण ने भी घर पर मास्क बनाकर लोगों को बांटे हैं। तरूण ने बताया कि लॉकडाउन के बाद सभी दुकानें बंद हो गई। वह कई सालों से जीतपुर में टेलरिंग का काम कर रहे है। इससे वह अपनी एक मशीन घर पर उठा लाये। साथ ही कपड़ा और लास्टिक भी ले आये। उन्होंने घर पर ही मास्क बनाना शुरू किया। अभी तक वह जीतपुर नेगी गांव में करीब 400 मास्क बांट चुके है। इसमें उनकी पत्नी माहेश्वरी देवी भी उनका सहयोग करती है। बाकि मास्क को घर-घर पहुुंचाने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने बड़े भाई संजय कश्यप को सौंपी है।

तरूण ने बताया कि उनका लक्ष्य हर घर तक मास्क पहुंचाना है जिससे लोग सुरक्षित रहे सकें और पूरा गांव कोरोना वायरस से लड़ सकें। वह दिन-रात मास्क बनाने में जुटे है। यह मास्क काफी मजबूत है। मास्क में वह डबल कपड़ा लगाकर रहे है। जो काफी लंबा चल रहे है। कपड़ा भी अच्छा लगाया गया है इसे आप कई बार धोकर इस्तेमाल कर सकते है। लॉकडाउन के समय काम तो नहीं हो पा रहा है इसलिए उन्होंने लोगों की सुरक्षा का जिम्मा उठाया है। उन्होंने बताया कि इसी गांव से उनके सभी ग्राहक है ऐसे में लोगों की सुरक्षा करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने अपने पिता धर्मपाल कश्यप को अपना प्रेरणास्रोत बताया। गांव के लोगों ने उनके इस कदम की प्रशंसा की।