हल्द्वानी-महंगे दामों पर सब्जी बेची तो होगी ये कार्यवाही, पढिये क्या है कालाबाजारी रोकथाम अधिनियम 1980

लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड में आवश्यक वस्तुओं की लिए सरकार द्वारा छूट दी गई। लेकिन कई जगह कालाबाजारी होने की सूचना से प्रशासन सख्त हो गया। प्रशासन ने सब्जियों के रेट तय कर दिये। लॉकडाउन में सब्जी की सबसे ज्यादा कालाबाजारी सामने आयी है। लोगों को तीनगुने दामों पर सब्जी बेची जा रही है। ऐसे
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हल्द्वानी-महंगे दामों पर सब्जी बेची तो होगी ये कार्यवाही, पढिये क्या है कालाबाजारी रोकथाम अधिनियम 1980

लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड में आवश्यक वस्तुओं की लिए सरकार द्वारा छूट दी गई। लेकिन कई जगह कालाबाजारी होने की सूचना से प्रशासन सख्त हो गया। प्रशासन ने सब्जियों के रेट तय कर दिये। लॉकडाउन में सब्जी की सबसे ज्यादा कालाबाजारी सामने आयी है। लोगों को तीनगुने दामों पर सब्जी बेची जा रही है। ऐसे में जिलाधिकारी सविन बंसल खासे नाराज दिखे। आज हम आपकों बताते है प्रशासन द्वारा जारी की गई सब्जी की रेट लिस्ट और महंगे बेचे जाने पर क्या कार्रवाही होगी।

हल्द्वानी-महंगे दामों पर सब्जी बेची तो होगी ये कार्यवाही, पढिये क्या है कालाबाजारी रोकथाम अधिनियम 1980
जिलाधिकारी ने गठित की कमेटी-

लॉकडाउन में सब्जी तय रेट से अधिक दामों पर बेचे जाने की शिकायत लोगों ने की तो जिलाधिकारी ने सख्त रूख अपनाया। जिलाधिकारी ने ने अपर जिलाधिकारी कैलाश टोलिया और जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया। जो बाजारों में जाकर फुटकर सब्जी के रेट पता करेंगे। अगर प्रशासन के रेट से महंगे बेचते पाये गये तो ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल जायेगा।

आइये जानते है क्या है सब्जियों के तय दाम
आलू-20 से 23 रूपये प्रति किलो
प्याज 20 से 23 रूपये प्रति किलो
गोभी- 13 से 16 रूपये प्रति किलो
लौकी- 17 से 23 रूपये प्रति किलो
मटर- 25 ये 35 रूपये प्रति किलो
बीन- 15 से 20 रूपये प्रति किलो
गाजर- 30 से 32 रूपये प्रति किलो
अदरक- 70 से 90 रूपये प्रति किलो
टमाटर- 25 से 30 रूपये प्रति किलो
लहसन- 70 से 90 रूपये प्रति किलो
शिमला मिर्च- 30 से 40 रूपये प्रति किलो

आइये आपकों बताते है कहा करें शिकायत-

जिलाधिकारी की ओर से यह निर्देश क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी/ पूर्ति निरीक्षक तहसील हल्द्वानी/ लालकुआं, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी, नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी को भेजा है। अगर कोई सब्जी की कालाबाजारी करते मिला तो उसके खिलाफ कालाबाजारी रोकथाम अधिनियम 1980 के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। अभी तक सब्जियों के दाम तय करने के बाद नैनीताल और हल्द्वानी में 10 फुटकर विक्रेताओं पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अगर आपके आसपास भी महंगी सब्जी बेची जा रही है तो आप स्थानीय प्रशासन या पूर्ति अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं।

आइये जानते है आपदा में जानते है क्या-क्या जिलाधिकारी के अधिकार

महामारी अधिनियम लागू होने के बाद सचिव स्वास्थ्य को असीमित अधिकार होंगे। सचिव स्वास्थ्य अपनी शक्तियां जिलों में जिलाधिकारी और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को प्रदान कर सकते हैं-

1- धारा 144 के तहत कहीं भी भीड़ एकत्रित करने पर रोक।
2- उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत सजा और जुर्माना।
3- शिक्षण संस्थान बंद करना या खोलना।
4-अनुमति के बिना सार्वजनिक सभा से लेकर कोई भी समारोह नहीं होगा।
5- किसी भी संदिग्ध के जांच से मना करने पर जबरन जांच होगी।
6- मेडिकल कार्यों के लिए निजी या सार्वजनिक संपत्ति ली जा सकेगी कब्जे में।
7-किसी भी वाहन को बतौर टैक्सी या एंबुलेंस इस्तेमाल किया जा सकेगा।
8- निजी या सार्वजनिक स्थलोंए वाहनों और संपत्तियों को सेनिटाइज करना।

आपदा मद से ऐसे खर्च करत सकते है डीएम-

उत्त्तराखंड में कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित होने के साथ ही अब अस्थाई रूप से आपदा में शामिल कर लिया गया है। कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी और मृत्यु होने पर पीडि़त परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा। महामारी घोषित होने से कोरोना को आपदा का दर्जा मिला गया है। इसके तहत अब आपदा के मद से महामारी की रोकथाम के लिए पैसा खर्च किया जा सकेगा। इसके तहत राज्य सरकार को केंद्र से भी मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी बिना शासन की अनुमति के रोकथाम और उपचार के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं।

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