हल्द्वानी-(चुनावी व्यंग्य)- बार-बार हाथ मत जोड़ो नेताजी, वोट आपको ही दूंगा।

हल्द्वानी-जीवन राज-(चुनावी व्यंग्य)- प्रदेश में पंचायत चुनाव का खुमार जोरों पर हैं। ऐसे में नामांकन कराने के लिए प्रत्याशियों की लाइन लगी हैं। उत्तराखंड के कई जिलों में ग्राम प्रधान पद के लिए 4-5 प्रत्याशी चुनावी मैदान में कूदे हैं। ऐसे में मतदाता भी कन्फूजन में है कि वोट किसे करें, किसे नहीं। पिछली बार
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हल्द्वानी-(चुनावी व्यंग्य)- बार-बार हाथ मत जोड़ो नेताजी, वोट आपको ही दूंगा।

हल्द्वानी-जीवन राज-(चुनावी व्यंग्य)- प्रदेश में पंचायत चुनाव का खुमार जोरों पर हैं। ऐसे में नामांकन कराने के लिए प्रत्याशियों की लाइन लगी हैं। उत्तराखंड के कई जिलों में ग्राम प्रधान पद के लिए 4-5 प्रत्याशी चुनावी मैदान में कूदे हैं। ऐसे में मतदाता भी कन्फूजन में है कि वोट किसे करें, किसे नहीं। पिछली बार के प्रधान जी इस बार भी टिकट लाये है। वहीं लंबे समय से टिकट की आस में बैठे कुछ दावेदारों का दिल पार्टियों ने तोड़ दिया तो नेताजी भी बगावत में उतर आये। कई जगह तो नेताजी को पार्टी से टिकट न मिलने पर खुद अपने भाई के खिलाफ मैदान में कूद गये। ये राजनीति है या आगे निकलने की होड़। जनता कन्फूजन में हैं।

हल्द्वानी-(चुनावी व्यंग्य)- बार-बार हाथ मत जोड़ो नेताजी, वोट आपको ही दूंगा।
वहीं कई जिलों में पुराने दावेदार मैदान में है। साथ ही कई मामले ऐसे भी देखने को मिले जहां पिछले बार बीडीसी मेंबर रहे प्रत्याशी इस बार ग्राम प्रधान के दावेदारी कर रहे है। ऐसे में जनता भी कन्फूजन में हैं कि ये राजनीति है या कमाई का धंधा। कई दावेदार तो ऐसे भी जो हर बार सीट अपनी ही मान बैठे है। लेकिन इस बार प्रदेशभर में युवा वर्ग मैदान मेंं कूदा हैं ऐसे में युवा नई सोच के साथ मैदान में है लेकिन पुराने दिग्गजों को वह पसंद नहीं आ रहे हैं।

दबी जुबांन एक पुराने दिग्गज यहां तक कह बैठे कि कल का बच्चा अब हमारा मुकाबला करेगा। पर भाई साहब यह नहीं समझ पा रहे है कि यही राजनीति है। कोई भी मैदार में कूद सकता हैं। छोटा हो या बड़ा सबकों चुनाव लडऩे का अधिकार है। अब चारों तरफ चुनावी शोर हैं। गली-गली, गंाव-गांव पोस्टरों से पट गये है। चारों तरफ नेताजी हाथ जोड़ते नजर आ रहे हैं। अब तो पोस्टर देखकर ये कहने का मन होता है कि भाई इतनी बार हाथ मत जोड़ो। आपकों ही वोट दूंगा। बार-बार हाथ जोडक़र शर्मिदा न करों।