हल्द्वानी- ऐसे खुली पहाड़ में शिक्षा विभाग की पोल, बोले कुलपति स्कूलों में ब्लैकबोर्ड तक नहीं

National Conferrence MIET, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र यु-सर्क द्वारा छात्रों को शिक्षा में तकनीकी का योगदान समझाने के लिए आज हल्द्वानी के एमआईईटी कॉलेज में नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यकर्म में देश के 200 से अधिक डिग्री कॉलेजों के प्रोफेसर, अस्सिस्टेंट प्रोफेसर तथा रिसर्च स्कॉलर उपस्थित रहे। कॉन्फ्रेंस में विभिन्न कॉर्पोरेट
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हल्द्वानी- ऐसे खुली पहाड़ में शिक्षा विभाग की पोल, बोले कुलपति स्कूलों में ब्लैकबोर्ड तक नहीं

National Conferrence MIET, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र यु-सर्क द्वारा छात्रों को शिक्षा में तकनीकी का योगदान समझाने के लिए आज हल्द्वानी के एमआईईटी कॉलेज में नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यकर्म में देश के 200 से अधिक डिग्री कॉलेजों के प्रोफेसर, अस्सिस्टेंट प्रोफेसर तथा रिसर्च स्कॉलर उपस्थित रहे।

हल्द्वानी- ऐसे खुली पहाड़ में शिक्षा विभाग की पोल, बोले कुलपति स्कूलों में ब्लैकबोर्ड तक नहीं

कॉन्फ्रेंस में विभिन्न कॉर्पोरेट वर्ल्ड, इंजीनियरिंग कॉलेज व यु-सर्क के प्रवक्ता ने छात्रों को इस तरह की मार्डन टेक्नोलॉजी से उनके भविष्य में होने वाले फायदों के अवगत कराया। साथ ही छात्रों को अनुसन्धान के प्रति रुझान बढानें तथा साहित्य लेखन के विषय में विस्तृत जानकारी दी।

रिचर्ज और टेक्नोलॉजी से नहीं सुधरेगा शिक्षा का भविष्य

इस दौरान कुमाऊं यूनिवर्सिटी के वीसी के.एस राणा ने बताया कि आज के इस दौर में जहां ब्लैकबोर्ड से लेकर शिक्षा सब कुछ डिजीटल हो चुकी है, ऐसे में उत्तराखंड के पहाड़ों के कई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास आज भी ब्लैकबोर्ड तक नहीं है। संसाधनों की कमी होने के कारण पहाड़ी इलाकों में रहने वाले बच्चे सभी सुविधाओं से परे है। ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना बेहद जरुरी है। उनकी माने तो केवल रिचर्ज और टेक्नोलॉजी की बड़ी-बड़ी बातें करने से शिक्षा का भविष्य नहीं सुधर सकता।