हल्द्वानी-देवभूमि के युवाओं ने किया अनोखा अविष्कार, अब सडक़ हादसों में ऐसी बचेंगी लोगों की जान

हल्द्वानी-प्रदेश में सडक़ हादसे लगातार बढ़ते जा रहे है। अधिकांश मामलों में घायलों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 4 युवाओं ने एक ऐसा स्मार्ट व्हीकल स्टीकर तैयार किया है जो हादसे के समय न सिर्फ परिजनों को मैसेज पहुंचा देगा बल्कि वाहन को
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हल्द्वानी-देवभूमि के युवाओं ने किया अनोखा अविष्कार, अब सडक़ हादसों में ऐसी बचेंगी लोगों की जान

हल्द्वानी-प्रदेश में सडक़ हादसे लगातार बढ़ते जा रहे है। अधिकांश मामलों में घायलों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 4 युवाओं ने एक ऐसा स्मार्ट व्हीकल स्टीकर तैयार किया है जो हादसे के समय न सिर्फ परिजनों को मैसेज पहुंचा देगा बल्कि वाहन को पाकिर्ंग में खड़े होने पर भी मदद करेगा। यह काम लॉकडाउन मेें इन युवाओं ने किया।

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कालाढूंगी निवासी विक्रम सिंह ने लॉकडाउन में मिल जाएगा। नाम से एक कंपनी बनाई और इस कंपनी में सीईओ राजेश पंत के अलावा गौरव बिष्ट और भोपाल निवासी हंसराज सेठी भी जुड़े हैं। इन चारों युवाओं ने लॉकडाउन के दौरान एक ऐसा स्मार्ट व्हीकल स्टीकर तैयार किया है जो साइकिल से लेकर ट्रक तक सभी वाहनों में काम करेगा। इस स्मार्ट स्टिकर की खासियत यह होगीं कि आपात की स्थिति में 10 से 15 सेकंड के अंदर परिजनों को सूचना दे सकता है।

स्टिकर की खास बात यह है कि अगर कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया तो कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल के स्केनर से या अन्य स्कैनर से इस स्टिकर को स्कैन करते हैं तो परिजन को टेक्स्ट मैसेज या कॉल कर सकता है और यह कॉल टोल फ्री नंबर पर आएगी, यही नहीं इसमें नंबर भी गोपनीय रहेगा। कंपनी के सभी चारों सदस्य फाउंडर विक्रम सिंह, सीईओ राजेश पंत, गौरव बिष्ट और मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले हंसराज सेठी ने मार्केटिंग से लेकर तकनीकी सहयोग में अपना योगदान दिया है।

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इसकी जानकारी देते हुए सीईओ राजेश पंत का कहना है कि इस दुनियां का सबसे अनोखा टूल है जो कहीं भी किसी भी घटना के समय तत्काल इमरजेंसी नंबर पर सूचना देने के काम आ सकता है और अब तक 90 फीसदी दुर्घटनाओं में परिजनों को तत्काल सूचना न मिलने से दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति का उतना गंभीरता से इलाज नहीं हो पाता। इन्हीं घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मिल जाएगा कंपनी ने अपने इस स्मार्ट व्हीकल स्टिकर को बनाया है। इसकी शुरुआती कीमत महज 500 रूपये रखी गई है इसके अलावा इंडियन पेटेंट ऑफिस में भी इस स्पीकर के पेटेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही राजस्थान और उत्तराखंड में भी सरकारों से बात कर इसे अपनाने की अपील की गई है।