हल्द्वानी-नागरिकता संसोधन अधिनियम के पक्ष में उतरी जनता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कही ये बात

�Haldwani News-आज नागरिकता संसोधन अधिनियम के समर्थन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक गोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान गोष्ठी में मुख्यवक्ता सरदार गजेन्द्र सिंह शासकीय अधिवक्ता उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा कि यह कानून नागरिकता देने का कानून है नागरिकता लेने का नहीं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बाग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताडि़त होकर 31
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हल्द्वानी-नागरिकता संसोधन अधिनियम के पक्ष में उतरी जनता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कही ये बात

�Haldwani News-आज नागरिकता संसोधन अधिनियम के समर्थन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक गोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान गोष्ठी में मुख्यवक्ता सरदार गजेन्द्र सिंह शासकीय अधिवक्ता उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा कि यह कानून नागरिकता देने का कानून है नागरिकता लेने का नहीं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बाग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताडि़त होकर 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों की नागरिकता देने के लिए है। यह भारत की वसुधैव कुटुंबकम की भावना के अनुकूल है।

हल्द्वानी-नागरिकता संसोधन अधिनियम के पक्ष में उतरी जनता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कही ये बात

सूर्यभान सिंह ने कहा कि विपक्ष ने जो भ्रम इस कानून पर फैलाया है। वह अफसोसजनक है। नेहरू लियाकत समझौते के नाकाम होने पर यह कानून वर्षों पहले ही बन जाना चाहिए था। सुरेश पाण्डे ने कहा कि कल ही जिस प्रकार ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमला हुआ वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की चिंतनीय स्थिति को दर्शाता है और इस कानून की आवश्यकता को भी दिखाता है। सी ए नीरज शारदा ने कहा कि शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर समझौते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति लीगल तौर पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। सीए सरोज जोशी ने कहा कि कुछ लोग अराजकता फैलाकर देश के माहौल को खराब कर रहे हैं। हमें लोकतंत्र की ताकत से ऐसे लोगों को मात देनी होगी।

हल्द्वानी-नागरिकता संसोधन अधिनियम के पक्ष में उतरी जनता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कही ये बात

कार्यक्रम के अध्यक्ष मेहरमान सिंह कोरंगा सदस्य बार कांउसिल ने कहा कि धर्म के आधार पर अगर देश का बंटवारा नहीं हुआ होता तो इस कानून की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। धार्मिक आधार पर उत्पीडऩ झेल रहे हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों को कष्ट से निजात दिलाने की भारत की नैतिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के संयोजक सुरेश पाण्डे रहे। कार्यक्रम का संचालन सीए दिनेश पाण्डे ने किया। इस दौरान अतुल अग्रवाल, पंकज सती, खुशबू जायसवाल, दिनेश जोशी, डा. बहादुर सिंह बिष्ट, मेयर जोगेन्द्र रौतेला, डा.नीलाम्बर भट्ट, ललित जोशी, डा. विनय खुल्लर, रेनू अधिकारी, दिनेश मानसेरा, दीपू जोशी, डा. विपिन चन्द्रा, तनुज गुप्ता, रजनीकांत बिष्ट, ललित बाल्मिकी, कृष्ण बेलवाल आदि मौजूद थे।