हल्द्वानी-फिर छाया सुर सम्राट गोपाल बाबू का 80 के दशक का गीत, सोशल मीडिया में हुआ वायरल

Uttarakhand Songs- (जीवन राज)- उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी के वर्ष 1982-83 के दशक का गीत इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। 80 के दशक के इस गीत ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। गीत के के बोल है बाज मुरूली बाज हुडूका हाई रे घमा घम। इस गीत में अपनी मधुर आवाज दी है सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के सुपुत्र सुपरस्टार लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने। इससे पहले वह गोपुली जैसा सुपरहिट गीत लोगों को दे चुके हैं। यह गीत उनके चैनल आरबीजी (गोपाल बाबू गोस्वामी) से रिलीज हुआ है।

बाज मुरूली बाज हुडूका के दीवाने हुए लोग
रमेश बाबू के सुरीली आवाज में सजे इस गीत की प्रदेशभर में लोगों ने जमकर सराहना की। बता दें कि वर्ष 1982-83 के दशक में सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के इस गीत लोग दीवाने थे। स्व. गोपाल बाबू द्वारा लिखा गया यह गीत उस समय के सुपरहिट गीतों में से एक था। आज उनके पुत्र लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने इस गीत को नये अंदाज में गाकर दर्शकों के बीच रखा है। इसके अंतरे रमेश बाबू गोस्वामी ने लिखे है। इससे पहले इस गीत का प्रोमो जारी हुआ था, अब गीत रिलीज हो चुका है। जो आजकल शादी-पार्टियों में खूब सुनने को मिल रहा है।

पिता के पदचिन्हों पर चल रहे रमेश बाबू
इससे पहले गोपुली गीत ने उन्हें उत्तराखंड के संगीत जगत में एक बड़ी पहचान दिलाई। लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि अपने पिता के लिखे हुए गीतों को गाना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में भी उनके पिता के गीतों का क्रेज कम नहीं हुआ है। ऐसे में दर्शक उनसे बार-बार उनके पिता के गीतों को गाने की मांग करते है। दर्शकों की मांग को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अब अपने पिता सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू के 80 के गीत को एक नये अंदाज में दर्शकों के बीच रखा है। जिससे युवाओं ने खूब पसंद किया है। इन दिनों टिक-टॉक समेत कई सोशल मीडिया साइटों पर यह गीत वायरल हो रहा है। अपने गीतों के माध्यम से रमेश बाबू अपने पिता के पदचिन्हों पर चल रहे।