हल्द्वानी-कैपीसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम में 22 स्कूलों के शिक्षकों ने किया प्रतिभाग, इन शिक्षण बिन्दुओं पर किया फोकस

हल्द्वानी- गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में ‘कैपीसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम के अन्तर्गत दो दिवसीय विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन रिसोर्स पर्सन संगीता सिन्हा (डीपीएस मुरादाबाद) द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में यूएस.नगर व नैनीताल जिले के 22 स्कूलों के 40 शिक्षकों ने भाग लिया, जिसमें डॉन बास्को सीनियर सैकेण्ड्री स्कूल बेरीपड़ाव, सरस्वती एकेडमी,
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हल्द्वानी-कैपीसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम में 22 स्कूलों के शिक्षकों ने किया प्रतिभाग, इन शिक्षण बिन्दुओं पर किया फोकस

हल्द्वानी- गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में ‘कैपीसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम के अन्तर्गत दो दिवसीय विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन रिसोर्स पर्सन संगीता सिन्हा (डीपीएस मुरादाबाद) द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में यूएस.नगर व नैनीताल जिले के 22 स्कूलों के 40 शिक्षकों ने भाग लिया, जिसमें डॉन बास्को सीनियर सैकेण्ड्री स्कूल बेरीपड़ाव, सरस्वती एकेडमी, व्हाइट हॉल, जेडीएम, इंस्पिरेशन स्कूल, रेन बो पब्लिक स्कूल,दीप्ती पब्लिक स्कूल, लांग व्यू पब्लिक स्कूल, नैनीताल, केवीएम पब्लिक स्कूल, ऑरम द ग्लोबल स्कूल, जय अरिहन्त इन्टरनेशनल स्कूल, आरएएन पब्लिक स्कूल, भूरारानी रुद्रपुर, सिंथिया स्कूल, ग्रीन माउण्ट ग्लोबल स्कूल, भीमताल, महर्षि विद्या मन्दिर, बीएलएम स्कूल, दीक्षान्त इन्टरनेशनल स्कूल, नैनी वैली, निमोनिक कान्वेंट स्कूल व गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक सम्मिलित रहे। विद्यालय के निदेशक वीबी नैनवाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

हल्द्वानी-कैपीसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम में 22 स्कूलों के शिक्षकों ने किया प्रतिभाग, इन शिक्षण बिन्दुओं पर किया फोकस

प्रधानाचार्य जेपी सिंह ने संगीता सिन्हा को बुंके देकरसम्मानित किया। कार्यशाला का उद्देश्य माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियें की विज्ञान के प्रतिरुचि उत्पन्न करना है। संगीता सिन्हा ने शिक्षको को संबोधित करते हुए उन्हें रुचिकर पाठ योजना बनाने और विज्ञान विषय की समुचित ढंग से आंकलन करने की जानकारी दी। उन्होंने दैनिक जीवन में विज्ञान का कैसे प्रयोग किया जाय यह समझाते हुए कर के सीखने की प्रणाली पर जोर दिया। विद्यालय के निदेशक वीबी नैनवाल ने भी विज्ञान के महत्व को बताते हुए उपर्युक्त सभी शिक्षण बिंदुओं को शिक्षण कार्य में अपनाने के लिए कहा ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी अपने दैनिक जीवन में विज्ञान का सही प्रयोग कर सकें।