हल्द्वानी-बॉक्सिग में दो-दो हाथ कर रही बनभूलपुरा की रहनुमा को मिली सफलता, हो रही वाहवाही

Haldwani news- मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती हैं, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है। ये पक्तियां बनभूलपुरा की बेटी पर सटीक बैठती है। जिसने गरीब परिवार को निकलकर बॉक्सिंग में अपने हाथ आजमाये। उसकी मेहनत रंग लायी और चयन स्र्पोट्स हॉस्टल पिथौरागढ़ के लिए हो गया।
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हल्द्वानी-बॉक्सिग में दो-दो हाथ कर रही बनभूलपुरा की रहनुमा को मिली सफलता, हो रही वाहवाही

Haldwani news- मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती हैं, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है। ये पक्तियां बनभूलपुरा की बेटी पर सटीक बैठती है। जिसने गरीब परिवार को निकलकर बॉक्सिंग में अपने हाथ आजमाये। उसकी मेहनत रंग लायी और चयन स्र्पोट्स हॉस्टल पिथौरागढ़ के लिए हो गया। जहां वह बॉक्सिग के गुर सीखेंगी। और एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरकर अपने मुक्कों की छाप छोड़ेंगी।

हल्द्वानी-बॉक्सिग में दो-दो हाथ कर रही बनभूलपुरा की रहनुमा को मिली सफलता, हो रही वाहवाही

स्र्पोट्स हॉस्टल पिथौरागढ़ में हुआ चयन

जी हां हम बात कर रहे है। बनभूलपुरा की रहने वाली रहनुमा मिकरानी की। जो गौलापार के खेड़ा स्थित केडी बॉक्सिग क्लासेस की खिलाड़ी है। रहनुमा का चयन स्र्पोट्स हॉस्टल पिथौरागढ़ के लिए हुआ है। रहनुमा की सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और कोच केडी आगरी को दिया है।

हल्द्वानी-बॉक्सिग में दो-दो हाथ कर रही बनभूलपुरा की रहनुमा को मिली सफलता, हो रही वाहवाही

गरीब घर की बेटी है रहनुमा

रहनुमा की माता आंगनबाड़ी में कार्यरत है जबकि पिता ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे है। रहनुमा को उनकी इस सफलता पर केडी बॉक्सिग क्लासेस के कोच केडी आगरी व साथी खिलाडिय़ों ने बधाई दी। कोच केडी आगरी ने बताया कि वर्ष 2016 से उन्होंने बॉक्सिग की क्लासेस शुरू की। आज उनके यहां 15 बच्चे बॉक्सिग के गुर सीखने आते हैं। उन्हीं मेंं से एक रहनुमा भी है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में आगे है। बस उनकी प्रतिभा को परखने की जरूरत है। उन्होंने रहनुमा के उज्जवल भविष्य की कामना की।