हल्द्वानी- कोरोनाकाल में इन बिमारियों से जूंझ रहे मरीज रहे सावधान, एसटीएच में हुई इतनी मौतें

हल्द्वानी के सुशीला अस्पताल के चिकित्सकों ने एक खास रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कोरोना के दौरान हुई मौतों में मरीज के शरीर में किन बीमारियों को पाया गया इसका खुलासा किया है। स्वास्थ्य विभाग के कोरोना बुलेटिन में नज़र डाले तो कोरोना से 134 लोग उत्तराखंड में जान गवा चुके है। वही कुमाऊं
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हल्द्वानी- कोरोनाकाल में इन बिमारियों से जूंझ रहे मरीज रहे सावधान, एसटीएच में हुई इतनी मौतें

हल्द्वानी के सुशीला अस्पताल के चिकित्सकों ने एक खास रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कोरोना के दौरान हुई मौतों में मरीज के शरीर में किन बीमारियों को पाया गया इसका खुलासा किया है। स्वास्थ्य विभाग के कोरोना बुलेटिन में नज़र डाले तो कोरोना से 134 लोग उत्तराखंड में जान गवा चुके है। वही कुमाऊं के एक मात्र सबसे बड़े सुशीला तिवारी चिकित्सालय में 48 कोविड-19 मरीज मर चुके है। कोरोना से मरने वालों में सबसे कम उम्र 17 साल का जबकि सबसे अधिक 87 उम्र के मरीज शामिल है।

हल्द्वानी- कोरोनाकाल में इन बिमारियों से जूंझ रहे मरीज रहे सावधान, एसटीएच में हुई इतनी मौतें

एसटीएच के चिकित्सक और कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. परमजीत सिंह की माने तो कोरोना मरने वाले मरीजों में कैंसर, किडनी फेलियर, सीओपीडी, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों के काफी रोगी शामिल है। उनकी माने तो कोरोना वायरस के बढ़ते ग्राफ के पीछे मरीजों का डॉक्टरों के संपर्क में कम आना एक बड़ी वजह है।

बुखार, सर्दी या कोई अन्य छोटी बीमारी होने पर इन दिनों लोग कोरोना के डर से डॉक्टरों को दिखाने से बच रहे है, जो बड़ा कारण है कोरोना को बढ़ावा देने का। बिना डॉक्टर की राय के कोई भी दवाई लेने से शरीर में नये रोगों के पैदा होने की संभावना बड़ जाती है। जिसका सतर्कता से इलाज होना अति आवश्यक है।

921 मरीज़ हो चुके भर्ती

डॉ. परमजीत सिंह ने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना के 921 मरीज अभी तक भर्ती हो चुके है। रिकवरी की बात करें तो 676 मरीज स्वास्थ होके अपने घर वापस जा चुके है। वही 48 मरीज अपनी जान गवा चुके है। इसके अलावा 197 मरीजों का उपचार एसटीएच में जारी है। उनकी माने तो कोरोना वायरस से डरने की आवश्यकता नहीं है।

इसके मरीजों का सुशीला तिवारी अस्पताल में अनुभवी चिकित्सकों की देखरेख में उपचार किया जा रहा है। जिसमें ओपीडी, फिजिशियन, मेडिसिन डिपार्टमेंट आदी डॉक्टर्स शामिल है। उन्होंने कहा कि किसी भी बिमारी के लक्षण होने पर घबरायें नहीं डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना काल में गंभीर बीमारी से जूंझ रहे मरीजों को अधिक सावधानी बरतनी की जरूरत है।

एसटीएच में कोविड-19 से मौत के आकड़े

0 से 10 वर्ष – एक भी नहीं
11 से 20 वर्ष- 1 मौत
21 से 30 वर्ष- 2 मौत
31 से 40 वर्ष- 4 मौत
40 से 50 वर्ष- 7 मौतें
51 से 60 वर्ष- 18 मौतें
61 वर्ष और उससे अधिक- 16 मौतें