
हल्द्वानी- आज बजट में प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रसे प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि यह बजट स्वयं सरकार के लिए चुनौती भरा है क्योंकि इस बजट 2021-22 में कोरोना की वजह से गिरी हुई जीड़ीपी से उबरने के लिए बाज़ार की माँग बढ़ाकर इकोनोमी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रावधान नहीं है। सरकार बजट में पब्लिक सेक्टर की बजाय प्राइवेट सेक्टर में ज़्यादा निर्भर दिखाई दी, जिससे सरकार की कुछ पूँजीपतियों को लाभ पहुँचाने की मनसा प्रतीत होती है।
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उन्होंने कहा कि पहाड़ी व सीमावरती राज्यों को इस बजट से निराशा हाथ लगी है। लघु और मध्यम उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए कोई स्पष्टता नहीं है। भारतीय बीमा कम्पनी, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य पब्लिक सेक्टर सेवाओं को निजी व प्राइवेट सेक्टर के हाथों देने की पूरी तैयारी की गई। इस बजट में 100 सैनिक स्कूलों को एनजीओ की सहायता से खोलने की बात कहकर देश की सुरक्षा को भी निजी व अपने चहेतों को सौंपने की पहल कर दी है। उन्होंने बजट को निराशापूर्ण बताया