हल्द्वानी-आम्रपाली में दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ’’आवाहन 2020’’ शुरू, ये है कार्यक्रम की खास थीम

हल्द्वानी- आम्रपाली में होटल प्रंबधन विभाग द्वारा आतिथ्य एवं पर्यटन विषय पर आठवें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘आवाहन 2020‘ का आयोजन ऑनलाइन मा़ध्यम से किया गया। सम्मेलन का सम्वयन महेन्द्र सिंह नेगी नेे किया। इससे पहले कार्यक्रम का शुुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया। प्रारंभिक सत्र में विशिष्ट अतिथि लाइसेम फिलीपीन्स विश्वविद्यालय मनीला की डा. लिलीबेथ आर्गों,
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हल्द्वानी-आम्रपाली में दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ’’आवाहन 2020’’ शुरू, ये है कार्यक्रम की खास थीम

हल्द्वानी- आम्रपाली में होटल प्रंबधन विभाग द्वारा आतिथ्य एवं पर्यटन विषय पर आठवें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘आवाहन 2020‘ का आयोजन ऑनलाइन मा़ध्यम से किया गया। सम्मेलन का सम्वयन महेन्द्र सिंह नेगी नेे किया। इससे पहले कार्यक्रम का शुुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया। प्रारंभिक सत्र में विशिष्ट अतिथि लाइसेम फिलीपीन्स विश्वविद्यालय मनीला की डा. लिलीबेथ आर्गों, टेलर विश्वविद्यालय मलेशिया के डा. के बालासुब्रमन्यम, लिन जिबैक एशिया पैसिफिक रीजन, प्रो. समीर थापा नेपाल, प्रो. निमित चौधरी जामिया विश्वविद्यालय और डा. एसके सिंह ने कार्यक्रम की प्रमुख थीम होटल और पर्यटन उद्योग-चुनौतियां और भविष्य के परिप्रेक्ष: नवाचार, उद्यमिता और आर्थिक नीति पर चर्चा की। इसके बाद डा. रजीफ जमालुद्दीन मलेशिया, पंजाब के सहायक प्राध्यापक डा. नीरज अग्रवाल, डा. अजीत बंसल चंडीगढ़, डा. अनीश सलथ पंजाब विश्वविद्यालय आदि ने तकनीकी सत्र में अपने अनुभवों को साझा किया।

हल्द्वानी-आम्रपाली में दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ’’आवाहन 2020’’ शुरू, ये है कार्यक्रम की खास थीम
आवाहन 2020 के आयोजक सचिव प्रो. प्रशांत शर्मा ने कहा कि कोरोना की वीभत्स महामारी ने पर्यटन उ़द्योग को समय से पीछे कऱ दिया है। इस महामारी ने कार्यशैली, तकनीक का उचित उपयोग और नित नवीन तरीकों को उपयोग मे लाने की प्रेरणा दी है। होटल उद्योग में अब तक के वर्षों में लग्जरी सेग्मेंट विदेशी पर्यटकों पर ही निर्भर रहे हैं। अंर्तराष्ट्रीय पर्यटन हाल में शुरू होता नहीं दिख रहा है, जिस कारण स्वदेशी पर्यटन ही उत्तरजीविता का एक मात्र माध्यम है। आशा की किरण यह है कि लोगों ने त्योहार एवं शादियों के सीजन में इस क्षेत्र को उभारने में काफी मदद की है तथा सप्ताहांत पर्यटन व्यापार इस उ़द्योग के लिए ऑक्सीजन का काम कर रहा है। क्रिसमस तथा नये वर्ष का समारोह एक संजीवनी की तरह दिख रहा है जिससे ज्यादातर होटल बुक हो चुके हैं।

दुनियां भर के विचारकों ने कोरोना का होटल उद्योग पर प्रभाव, कोविड -19 का भारत में पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र पर प्रभाव एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन, पर्यटन पर वायु परिवहन उत्सर्जन का प्रभाव, आतिथ्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्थाई विकास के लिए स्मार्ट गंतव्य और प्रोद्यौगिकी संचालित पर्यटन, ब्रांड वरीयता के प्रति ग्राहक के रवैये में सेवा गुणों का प्रभाव, होटल चयन के निर्णय में सोशल मीडिया की भूमिका, पर्यटन और आतिथ्य में आभासी वास्तविकता इत्यादि विषयों पर अपने विचार रखे।

सम्मेलन में डा. आलोक कुमार, अरलीन लोजदा ओंग, मीशेल भोबेत बालुयोत, डा. भरत कपूर, डौली धमीजा, डा. ब्रिजेश कुमार, प्रो. मनोहर सजनानी, निधि थापा, सुजॉय विक्रम सिंह, राजीव रंजन, अदोर्नं वर्मां, राहुल भारद्धाज, डा. हरीश चंद्र जोशी, डा. अखिलेश सिंह, आयुष लटवाल, कोमल दर्मंवाल, डा. इ. देवबालाने, सोनाली तिवारी, अंकित दंभरे, रंजीता त्रिपाठी, दीपक कनवाल और चेतन डसौनी सहित कई अन्य शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये।पैनल डिस्कशन में प्रो. क्रिस्टीना एक्वीनो, प्रो. प्रांशु चौम्पले, प्रो. यशपाल नेगी, गुरमीत सिंह एचआर निदेशक मैरिएट होटल, मनीष-ऋषि एचआर निदेशक लीला गुरुग्राम, महेश राठौर एचआर प्रमुख ओबेरॉय होटल, डा. संजीव कुमार सक्सेना जीएम लर्निंग एंड डेवलपमेंट जेपी होटल ने हिस्सा लिया। संस्थान के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रो. एसके सिंह के संचालन में हुई। इस परिचर्चा में आतिथ्य उद्योग और शिक्षा के लिए भविष्य की रणनीतियों का पुर्ननिर्माण, मल्टीस्किलिंग, बदलते परिवेश में आतिथ्य उद्योग का पुर्ननिर्माण, टच भविष्य, सर्विस, तकनीकी बदलाव, कोविड -19 के बाद पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता, संकट प्रबंधन, आतिथ्य उद्योग में स्वच्छता एवं सफाई की महत्वता आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही पैनल के सदस्यों ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब भी दिया।

सम्मेलन के वेलिडिक्ट्री सत्र में प्रो. प्रशांत गौतम पंजाब विश्वविद्यालय, डा. आनन्द कुमार सिंह भोपाल, प्रो. लवकुश मित्र अंबेडकर विश्वविद्यालय, डा. जगदीप खन्ना देहरादून एवं संजीव पांडे प्रबंधक सबवे साउथ एशिया ने पर्यटन शिक्षा और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, ईको, कृषिक और ग्रामीण पर्यटन, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संकट और पर्यटन एवं आतिथ्य एवं पर्यटन उद्योग में मानव संसाधन प्रबंधन तथा पर्यटन उद्योग में शिक्षा की भूमिका आदि विषयों पर परिचर्चा की।

होटल प्रबंधन विभाग के सीओओ डॉ. एसके सिंह के अनुसार यह सम्मेलन आतिथ्य के क्षेत्र में प्रचलित परिदृश्य पर था और विभिन्न विशेषज्ञों और प्रस्तुतकर्ताओं द्वारा दी गई अंतदृष्टि न केवल आतिथ्य और पर्यटन के शिक्षकों के लिए बहुत मूल्यवान थी बल्कि छात्रों के लिए भी उपयोगी थी। यह वास्तव में एक समय है जब पूरा उद्योग सामान्य की ओर वापस जाने के लिए लड़ रहा है और संचालन के माध्यम से कार्यबल के साथ पुनर्गठन और पुननिर्माण की मौजूदा चुनौतियों को संबोधित कर रहा है। यह एक ऐसा समय है जब छात्रों को न केवल कौशल विकास करने में ध्यान केंद्रित करने की आवश्कता है बल्कि स्वयं को नवाचार के लिए तैयार करना है। सम्मेलन से मिला ज्ञान निश्चित रूप से उन्हें बदलते परिदृश्य में फिर से जीवंत करेगा।

आम्रपाली संस्थान के सीईओ डॉ. संजय ढींगरा ने टीम आवाहन को बधाई देते हुए कहा कि टीम ने सही समय पर इस अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया एवं उन महत्वपूर्ण विषयों को चुना जो वर्तमान परिदृश्य के लिए सर्वश्रेष्ठ थे। उद्योग और अकादमी के सभी विशेषज्ञों को अपना बहुमूल्य समय देने और बदलते प्रतिमान बदलाव के साथ प्रतिभागियों को प्रकाश देने के लिए डा. ढींगरा ने उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में आम्रपाली संस्थान विद्यार्थियों को हर संभव माध्यम से उचित एवं गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर रहा है, एवं भविष्य में भी नई तकनीकों और प्रौद्यौगिकी का उपयोग करते हुए संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रयासरत रहेगा।

इस मौके पर समारोह में संस्थान के सचिव नरेन्द्र ढींगरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. संजय ढींगरा, कोषाध्यक्ष बिन्दू चावला, मुख्य परिचालन अधिकारी डा. एसके सिंह, निदेशक फैक्ल्टी टैक्नोलॉजी एंड कम्प्यूटर एप्लीकेशन प्रो. एमके पाण्डेय, निदेशक फैक्ल्टी ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस मैनेजमैंट प्रो. ऋत्विक दूबे, प्राचार्य आम्रपाली इंस्टीट्यूट ऑफ फॉमेर्सी एण्ड साइंसेज डा. गरिमा गर्ग एवं संस्थान के विभिन्न प्रभागों के शिक्षकवृन्द व विद्यार्थी मौजद रहे।