हल्द्वानी- चौथे दिन भी ठप रहा गौला गेटों में खनन कार्य, रोजी-रोटी के पड़े लाले

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: गौला नदी में खनन कारोबार से जुड़े वाहन मालिकों की हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। इतना ही नहीं गुस्साए खनन कारोबारियों ने मोतीनगर स्थित नेशनल हाईवे भी जाम कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची स्थानिय पुलिस ने जाम को खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन वाहन स्वामी अपनी
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हल्द्वानी- चौथे दिन भी ठप रहा गौला गेटों में खनन कार्य, रोजी-रोटी के पड़े लाले

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: गौला नदी में खनन कारोबार से जुड़े वाहन मालिकों की हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। इतना ही नहीं गुस्साए खनन कारोबारियों ने मोतीनगर स्थित नेशनल हाईवे भी जाम कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची स्थानिय पुलिस ने जाम को खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन वाहन स्वामी अपनी बात पर अड़े रहे। बता दें कि इससे पूर्व मंगलवार को भी डंपर मालिक बुद्ध पार्क में एकत्र हुए थे। जहां से सभी ने एसडीएम कोर्ट तक जुलूस निकालकर मामले में ठोस कार्यवाई की मांग के साथ एसडीएम एपी बाजपेयी को ज्ञापन भी सौंपा था। लेकिन मामले में अभी तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाई अमल में नहीं लाई गई है।

हल्द्वानी- चौथे दिन भी ठप रहा गौला गेटों में खनन कार्य, रोजी-रोटी के पड़े लाले

रोजी-रोटी का हो रहा संकट

बता दें कि स्टोन क्रशर संचालकों के उपखनिज के रेट घटाने से गुस्साये गौला खनन वाहन स्वामी पिछले चार दिनों से हड़ताल पर है। बावजूद इसके स्टोन क्रशर स्वामी मामले में सुनवाई नहीं कर रहे हैं। आंदोलन के चलते गौला में खनन से जुड़े 50 हजार से अधिक मजदूरों और वाहन स्वामियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। गेटों के बंद होने से सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही हैं। वक्ताओं ने जिला प्रशासन से मांग उठाई कि वह चुनिंदा क्रशर स्वामियों से तत्काल वार्ता कर उनकी समस्या का हल निकालें, वरना आंदोलन तेज किया जायेगा।

हल्द्वानी- चौथे दिन भी ठप रहा गौला गेटों में खनन कार्य, रोजी-रोटी के पड़े लाले

11 में से दो गेट में हो रही निकाली

स्टोन क्रशर संचालकों से उपखनिज रेट को लेकर गुस्साये खनन कारोबारियों की हड़ताल के चलते गौला के 11 गेटों में से 9 गेटों में निकासी ठप रही, जबकि अन्य दो शीशमहल और राजपुरा गेटों से वाहनों की निकासी हुई। मामले में अधिक जाकारी देते हुए गौला खनन मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की आवश्यकता को देखते हुए शीशमहल गेट में केवल रेते की निकासी खोली गई है। जबकि राबीएम की निकासी नहीं की जा रही है।