हल्द्वानी- रेलवे के आदेश के खिलाफ अब इस सख्य ने दाखिल की याचिका, दीपक बल्यूटिया का जताया आभार

रेलवे की ओर से हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रह रहे लोगों को 15 दिन के अंदर जगह खाली करने के नोटिस के ख़िलाफ़ आज दो और पीड़ित लोगों ने जिला अदालत में चुनौती दी। चुनौती देने वाले मो. शरीफ़ व राशिद मिकरानी ने बताया की कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया के सहयोग से उन्होंने जिला न्यायालय
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हल्द्वानी- रेलवे के आदेश के खिलाफ अब इस सख्य ने दाखिल की याचिका, दीपक बल्यूटिया का जताया आभार

रेलवे की ओर से हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रह रहे लोगों को 15 दिन के अंदर जगह खाली करने के नोटिस के ख़िलाफ़ आज दो और पीड़ित लोगों ने जिला अदालत में चुनौती दी। चुनौती देने वाले मो. शरीफ़ व राशिद मिकरानी ने बताया की कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया के सहयोग से उन्होंने जिला न्यायालय में याचिका अधिवक्ता संदीप तिवारी के माध्यम से दाखिल की। जिसे स्वीकार करते हुए के जिला न्यायालय द्वारा रेलवे विभाग को नोटिस किया गया है।

बेदखली के जारी किये थे नोटिस

दोनो ही याचिकाओं को मो. एहसान की याचिका के साथ जोड़ते हुए अगली तारीख़ 25 फ़रवरी लगी है। मो. एहसान की याचिका में स्टे अगली तारीख़ 25 फ़रवरी तक बढ़ा दिया गया है। बता दें कि रेलवे विभाग ने वनभूलपुरा क्षेत्र के करीब 1500 लोगों को बेदखली के नोटिस दिए थे। रेलवे विभाग से नोटिस मिलने के बाद वनभूलपुरा क्षेत्र के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। जिसमें आगे बढ़कर दीपक बल्यूटिया ने उन्हें सहयोग किया।

रेलवे कर रहा जमीन होने का दावा

इधर उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बताया कि वह बनभूलपुरा क्षेत्र, नई बस्ती, गफूर बस्ती तथा अन्य सटे हुए इलाके,के लोगों को बेदखली के नोटिस मिलने के बाद से ही उनकी मदद की पैरवी कर रहे थे। यहां जिन लोगों को रेलवे विभाग की ओर से बेदखली के नोटिस मिले हैं। नोटिस मिलने के बाद उन्होंने स्थानीय लोगों के दस्तावेज देखने विधि विशेषज्ञों से विधिक राय जुटाई।

उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग लंबे समय से हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में अपनी जमीन होने का दावा कर रहा है। लेकिन आज तक जमीन का ठीक से पैमाइश नहीं करा पाया। जबकि यहां रह रहे लोगों के पास जमीन के पट्टे होने के साथ ही भवन निर्माण के नक्शे तथा बिजली-पानी के बिल मौजूद हैं। और कई सारे सरकारी संस्थान भी यहां हैं।
दीपक बल्यूटिया ने कहा बिना सीमांकन व चिन्हीकरण किए बेदख़ली का नोटिस दिया जाना औचित्यपूर्ण नही है।