हल्द्वानी-31st को फौजी ममगई के इस गीत में झूमेगा उत्तराखंड, देशभक्ति के साथ ऐसे बचा रहे है संस्कृति

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- (जीवन राज)- वर्ष 2016 में उत्तराखंड गायकी की दुनियां में रखने वाले फौजी दीपक ममगई 31 दिसम्बर को अपना नया गीत उतरैणी कौतिक लेकर आ रहे है। जिसका इंतेजार दर्शक बखूबी कर रहे है। बचपन से गीत गाने के शौकीन रहेे दीपक ममगई बड़े होकर भारतीय सेना में भर्ती हो गये। लेकिन
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हल्द्वानी-31st को फौजी ममगई के इस गीत में झूमेगा उत्तराखंड, देशभक्ति के साथ ऐसे बचा रहे है संस्कृति

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- (जीवन राज)- वर्ष 2016 में उत्तराखंड गायकी की दुनियां में रखने वाले फौजी दीपक ममगई 31 दिसम्बर को अपना नया गीत उतरैणी कौतिक लेकर आ रहे है। जिसका इंतेजार  दर्शक बखूबी कर रहे है। बचपन से गीत गाने के शौकीन रहेे दीपक ममगई बड़े होकर भारतीय सेना में भर्ती हो गये। लेकिन अपनी संस्कृति से लगाव उन्हें हमेशा रहा। उन्होंने फैसला किया कि देशभक्ति के साथ वह उत्तराखंडी संस्कृति को बढ़ाने का भी काम करेंगे। वर्ष 2016 में फौजी दीपक ममगई का पहला गीत रिलीज हुआ। इसके बाद फौजी दीपक ममगई ने पीछे मुडक़र नहीं देखा। खास बात यह है कि फौजी दीपक ममगई उत्तराखंड के दोनों भाषाओं में गाना गाने में माहिर है। वह गढ़वाली और कुमाऊंनी दोनों तरह के गीत गाते है। इसी का नतीजा है कि उनकी हे भगवानी गाने को तीन लाख से ऊपर व्यूज मिले।

हल्द्वानी-31st को फौजी ममगई के इस गीत में झूमेगा उत्तराखंड, देशभक्ति के साथ ऐसे बचा रहे है संस्कृति

हल्द्वानी-31st को फौजी ममगई के इस गीत में झूमेगा उत्तराखंड, देशभक्ति के साथ ऐसे बचा रहे है संस्कृति

31 दिसम्बर को रिलीज होगा उतरैणी कौतिक गीत

मूलरूप से गैरसैण में जन्मे फौजी दीपक ममगई अभी तक 20 से 22 गाने गा चुके हैं। न्यूज टुडे नेटवर्क से बातचीत में फौजी दीपक ममगई ने बताया कि उनका उतरैणी कौतिक गीत आगामी 31 दिसम्बर को रिलीज होगा। जिसको वह दर्शकों को सामने एक नये रूप में लेकर आये है। उन्होंने बताया कि भारत मां की सेवा के साथ-साथ उन्हें जब भी मौका मिलता है तो वह उतराखंड के लिए कुछ नया करने की सोचते है। उन्होंने बताया कि वह आगे चलकर गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को संवारने का काम करेंगे। वह उत्तराखंड के युवाओं के लिए कुछ करना चाहते है। जिससे युवाओं को भविष्य में उज्जवल हो और उत्तराखंड की संस्कृति भी बची रही। उन्होंने कहा कि उनका उतरैणी कौतिक गाना दर्शकों को खूब पसंद आयेगा। वह उत्तराखंड के सुर सम्राट स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी को अपना आदर्श मानते है। अभी तक उनके हे भगयानी, मधुली बाना, डांडी बुरांश जैसे गीतों ने खूब वाहवाही लूटी है।