HAJ 2020: कोरोना महामारी के कारण हज यात्रा पर जाने की उम्मीदें हुई कम, सऊदी अरब ने अब तक स्थिति की नहीं दी है कोई जानकारी
बरेली: कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के कारण इस साल भारत से हज पर लोगों के जाने की संभावना बहुत ही कम है। सऊदी अरब (Saudi Arab) से स्थिति की जानकारी आने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। भारतीय हज कमेटी (Indian Haj Committee) ने एक परिपत्र के माध्यम से कहा है कि हज 2020 पर जाने के लिए चयनित लोगों में से हज यात्रा (Haj) पर न जाने की इच्छा रखने वाले लोग अपनी रकम वापस ले सकते हैं।
बरेली हज सेवा समिति (Bareilly Haj Service Committee) के अध्यक्ष पूर्व मंत्री हाजी उताउर्रहमान ने कहा कि कोरोना के कारण सऊदी हुकूमत ने अभी तक कोई भी गाइडलाइंस (Guidelines) जारी नहीं की है। इसीलिए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने 2020 की हज यात्रा में स्वयं की इच्छा से यात्रा कैंसिल कराने वाले आज़मीन कैंसिलेशन फॉर्म (Cancellation Form) भर सकते हैं। इससे हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर फॉर्म अपलोड करा गया है।
बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने बताया कि सऊदी अरब की तरफ से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। हज यात्रियों की ट्रेनिंग व टीकाकरण शिविरों के बारे में भी कोई तैयारी नहीं हुई है। इन दिनों में सभी आज़मीन-ए-हज को हज की ट्रेनिंग दी जाती थी। हज कमेटी के तयशुदा प्लान के मुताबिक 25 जून से हज की फ्लाइट शुरू होकर 26 जुलाई तक भारत से सऊदी जाती। वहीं 4 अगस्त से 6 सितंबर तक वापसी होनी थी।श जबकि 30 जुलाई 2020 हज अराफात के दिन ही मुख्य तारीख तय है यानी 9 जिलहद बाकी चांद देखने पर तारीख का ऐलान होगा।
उत्तर प्रदेश से इस बार लगभग 28036 आज़मीन 2020 की हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। साथ ही इस बार बरेली मंडल से लगभग 1565 आवेदन करें गए हैं, और बरेली से 924 आज़मीन ने फॉर्म भरे हैं। 2020 की हज यात्रा में एक लाख 60 हजार सरकारी हज कमेटी से जाने का तथा वहीं प्राइवेट टूर ऑपरेटर द्वारा 40 हजार आज मीन हज यात्रा पर कोटा तय हुआ था। यूपी से 28,063 आवेदन किये गये हैं वहीं बरेली मण्डल से 1565, जिसमें बरेली से 924, शाहजहांपुर से 224, पीलीभीत से 171, बदायूं से 246 आज़मीने हज ने ही आवेदन किया हैं।