खुशखबरी : अब पेट्रोल को कीजिए बॉय-बॉय, बीयर से दौड़ेंगी गाडिय़ां…

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : क्या अपने कभी सोचा है कि, बीयर से भी आपकी गाड़ी ऐसे ही फर्राटे मारेगी जैसे पेट्रोल और डीजल से मारती हैं। जी हाँ, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों ने एक खोज के बाद ऐसा दावा किया है कि, 2022 तक पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाडिय़ां बीयर से
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खुशखबरी : अब पेट्रोल को कीजिए बॉय-बॉय, बीयर से दौड़ेंगी गाडिय़ां…

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : क्या अपने कभी सोचा है कि, बीयर से भी आपकी गाड़ी ऐसे ही फर्राटे मारेगी जैसे पेट्रोल और डीजल से मारती हैं। जी हाँ, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों ने एक खोज के बाद ऐसा दावा किया है कि, 2022 तक पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाडिय़ां बीयर से भी चला करेंगी। वैज्ञानिकों के अनुसार बीयर में बड़ी मात्रा में एथेनॉल मौजूद होता है जिसे ब्यूटेनॉल में बदला जा सकता है और इसी से ईंधन भी बनाया जा सकता है जो पारंपरिक ईंधन का एक बढिय़ा विकल्प है। बता दें कि दुनिया के कई देश पैट्रोल-डीजल की जगह पारंपरिक ब्यूटेनॉल ईंधन को अपना रहे हैं।

खुशखबरी : अब पेट्रोल को कीजिए बॉय-बॉय, बीयर से दौड़ेंगी गाडिय़ां…

बुटेनॉल के नाम से आयेगा ये ईधन

तेजी से घटते पारंपरिक ईंधन के चलते पूरी दुनिया में विकल्पों की तलाश हो रही है। इसमें सौर ऊर्जा से लेकर तमाम तरह के दूसरे ईधन तैयार करने की कोशिशें हो रही हैं। जिससे भविष्य में पेट्रोल-डीजल के बिना भी गाडिय़ां और मशीनें चलाई जा सकें। इसी तरह के एक प्रयास में इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों के दल ने कई सालों के अध्ययन के बाद एक ऐसी तकनीक का खुलासा किया है जो इथेनॉल को बुटेनॉल नाम के ईंधन में बदल देती है। सबसे बड़ी बात है कि बुटेनॉल, इथेनॉल की तुलना में ज्यादा बेहतरीन ईंधन है और यह पेट्रोल डीजल का बेहतरीन विकल्प बन सकता है।

खुशखबरी : अब पेट्रोल को कीजिए बॉय-बॉय, बीयर से दौड़ेंगी गाडिय़ां…

इस प्रक्रिया को पूरी होने में लगेंगे करीब 5 साल

शोधकर्ताओं ने पाया कि कई तरह की शराब में से बीयर ही वो सबसे उपयुक्त चीज है जिसे ब्यूटेनॉल में तब्दील कर कारखानों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन बनाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा, ‘हम ये नहीं कह रहे हैं बीयर को ही पेट्रोल की जगह ईधन के रूप में प्रयोग किया जाएगा।

बीयर में पाए जाने वाले ईथेनॉल से ऐसा कैमिकल तैयार किया जाएगा जो बीयर के मॉलीक्यूलर नमूने से मिलता-जुलता होगा और उसे फैक्ट्रियों में मशीनें चलाने के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।’ वहीं वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया को सफल होने में करीब पांच साल भी लग सकते हैं। लेकिन अगर ये सफल हो जाता है को आसानी से मिलने वाली बीयर, पेट्रोल के एक बढय़िा विकल्प बन सकती है।