गीता जयंती 2019- भगवनान श्रीकृष्ण ने दिया था इसी दिन अर्जुन को उपदेश, जानिए क्या महत्व

गीता जयंती- यह दिन श्रीमद् भगवद्गीता की प्रतीकात्मक जयंती के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवद्गीता के दर्शन मात्र का बड़ा लाभ होता है। यदि इस दिन गीता के श्लोकों का वाचन किया जाए तो मनुष्य के पूर्व जन्म के दोषों का नाश होता है। सनातन धर्म में इसका
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गीता जयंती 2019- भगवनान श्रीकृष्ण ने दिया था इसी दिन अर्जुन को उपदेश, जानिए क्या महत्व

गीता जयंती- यह दिन श्रीमद् भगवद्गीता की प्रतीकात्मक जयंती के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवद्गीता के दर्शन मात्र का बड़ा लाभ होता है। यदि इस दिन गीता के श्लोकों का वाचन किया जाए तो मनुष्य के पूर्व जन्म के दोषों का नाश होता है। सनातन धर्म में इसका अत्यधिक महत्व है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में उस वक्त गीता का ज्ञान दिया था जब वह अपने कर्म पथ से भटकने लगे थे। इस साल गीता जयंती पर्व 8 दिसंबर 2019 रविवार को मनाई जाएगी। जानिए क्या है गीता जयंती का महत्व –

गीता जयंती 2019- भगवनान श्रीकृष्ण ने दिया था इसी दिन अर्जुन को उपदेश, जानिए क्या महत्व

श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था गीता का दिव्य ज्ञान

महाभारत के 18 दिवसीय युद्ध के पहले दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य ज्ञान देते हुए अपने विराट रूप के दर्शन दिए थे। तब से लेकर अब तक हर मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती पर्व को मनाया जाता है। कहा जाता है इस दिन इस दिन श्रीमद्भगवत गीता का पाठ करने से व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन मिलता है एवं उनकी रक्षा स्वयं योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण करते हैं।

गीता जयंती पूजा विधि

गीता जयंती के दिन स्नान करने के बाद पूजा स्थल में पीले रंग के वस्त्र के आसन पर श्रीमद् भगवत गीता ग्रंथ को स्थापित करें, स्थापित करने के बाद हल्दी, कुमकुम, अक्षत, धूप, दीप सुगन्धित ताजे पुष्पों से विधिवत पूजन करें, भगवान श्रीकृष्ण को निमित्त नैवेद्य का भोग भी लगाएं। विधि-विधान से पूजन करने के बाद शांत चित्त होकर श्रीमद्भगवत गीता का पाठ करें। पाठ पूर्ण होने के बाद यथा शक्ति निर्धनों को दान करने से समस्त पापों की मुक्ति मिलती है। मनवांछित शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

गीता जयंती 2019- भगवनान श्रीकृष्ण ने दिया था इसी दिन अर्जुन को उपदेश, जानिए क्या महत्व

गीता जयंती का महत्व

श्रीमद्भगवत गीता आत्मा एवं परमात्मा के स्वरूप को व्यक्त करती है, श्रीकृष्ण भगवान के उपदेश रूपी विचारों से मुनष्य को उचित बोध की प्राप्ति होती है। यह आत्म तत्व का निर्धारण करता है उसकी प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है, एवं इस दिव्य ज्ञान की प्राप्ति से अनेक विकारों से मुक्त हुआ जा सकता है। आज के इस युग में जब मनुष्य भोग विलास, भौतिक सुखों, काम वासनाओं में जकड़ा हुआ है और एक दूसरे का अनिष्ट करने में लगा हुआ है, ऐसे में श्रीमद्भगवत गीता का स्वाध्याय करके भय, रोग, द्वेष एवं क्रोध से हमेशा के लिए मुक्त हो सकता है।

मोक्ष की प्राप्ति

भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता को ज्ञान के माध्यम से कर्म का महत्व जन-जन में स्थापित किया। मार्गशीर्ष की माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती के साथ मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य के मोक्ष प्राप्ति के योग बन जाते हैं। गीता जयंती के दिन श्रीमद भगवद्गीता के दर्शन करें, इसके पश्चात् भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर उनसे सदा ही सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना करें।

गीता जंयती पर क्या करें

  • गीता जंयती के दिन गीता का पाठ अवश्य करें। यदि आप गीता का पाठ नहीं कर सकते तो आप इस दिन गीता को सुन सकते हैं।
  • गीता में दिए गए उपदेशों को सुनकर उन्हें अपने जीवन में अवश्य उतारें।
  • गीता जंयती के दिन घर में गीता का पाठ अवश्य कराएं और भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी अवश्य करें।
  • गीता जयंती के दिन किसी ब्राह्मण को गीता अवश्य दान करें।
  • गीता जयंती के दिन श्रीमद भगवत गीता का पाठ करते समय अपने पितरों को अवश्य याद करें। ऐसा करने से आपके पितरों को भी गीता सुनने का लाभ प्राप्त होगा।
  • गीता जंयती के दिन अपने पितरों की शांति के लिए उनकी प्रिय वस्तुएं और कुछ दक्षिणा किसी ब्राह्मण को अवश्य दें। ऐसा करने से आपके पितरों को पुण्यफलों की प्राप्ति होगी।
  • गीता जयंती के दिन तुलसी के नीचे दीपक अवश्य जलाएं और रात में भगवान श्री कृष्ण या विष्णु मंदिर में जाकर भी दीपक अवश्य जलाएं।
  • गीता का पाठ करने से पहले उस पर गंगाजल अवश्य छिडक़ें और गीता की पूजा करने के बाद ही उसका पाठ करें।
  •  गीता का पाठ करके उसे उसके स्थान पर ही वापस रख दें।
  •  गीता जयंती के दिन गीता का पाठ करने वाले व्यक्ति को सिर्फ फलाहार का ही सेवन करना चाहिए।
    इस दिन शंख का पूजन करना भी लाभकारी बताया गया है।

गीता जयंती 2019- भगवनान श्रीकृष्ण ने दिया था इसी दिन अर्जुन को उपदेश, जानिए क्या महत्व

गीता जंयती पर क्या न करें

  • गीता जंयती के दिन न केवल गीता का बल्कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ का अपमान न करें।
  • गीता जयंती के दिन किसी पर क्रोध बिल्कुल भी न करें नहीं तो आपको भगवान श्री कृष्ण के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
  • गीता जंयती के दिन किसी भी रूप में किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।
  • गीता जंयती के दिन किसी साधू संत , ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति का भूलकर भी अपमान न करें।
  • गीता जंयती के दिन जिस जगह पर गीता का पाठ किया जा रहा हो। उस स्थान पर भूलकर भी तामसिक भोजन और शराब पीकर बिल्कुल भी न जाएं।
  • गीता का पाठ करने से पहले शुद्ध अवश्य होएं बिना स्नान करे और साफ वस्त्र धारण करे बिना गीता को हाथ बिल्कुल भी न लगाएं।
  • गीता का पाठ करने वाले व्यक्ति को लहसून और प्याज से बने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गीता जंयती के दिन भगवान श्री कृष्ण के दिन भूलकर भी चावलों का प्रयोग न करें।
  • गीता जयंती के दिन किसी भी बुजुर्ग या ब्राह्मण का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • गीता जंयती के दिन गीता के उपदेशों को सुनकर उनका मजाक बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए।