Ganesh Chaturthi 2019 – जानिए, कब है गणेश चतुर्थी, शुभ मुहुर्त व भगवान गणेश की पूजा का विधि विधान
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। भगवान गणेश को गजानन, गजदंत, गजमुख जैसे नामों से भी जाना जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल हिन्दू पंचाग के भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुथी 2 सितंबर को शुरू हो रही है। दो सितंबर को ही लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापति कर अगले 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाएंगे। भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को सोमवार के दिन मध्याह्न काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। इसलिए मध्याह्न काल में ही भगवान गणेश की पूजा की जाती है, इसे बेहद शुभ समय माना जाता है।
गणेश चतुर्थी कथा –
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती स्नान करने से पहले चंदन का उपटन लगा रही थीं। इस उबटन से उन्होंने भगवान गणेश को तैयार किया और घर के दरवाजे के बाहर सुरक्षा के लिए बैठा दिया। इसके बाद मां पार्वती स्नान करने लगे। तभी भगवान शिव घर पहुंचे तो भगवान गणेश ने उन्हें घर में जाने से रोक दिया। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और गणेश सिर धड़ से अलग कर दिया। मां पार्वती को जब इस बात का पता चला तो वह बहुत दुखी हुईं। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें वचन दिया कि वह गणेश को जीवित कर देंगे। भगवान शिव ने अपने गणों से कहा कि गणेश का सिर ढूंढ़ कर लाएं। गणों को किसी भी बालक का सिर नहीं मिला तो वे एक हाथी के बच्चे का सिर लेकर आए और गणेश भगवान को लगा दिया। इस प्रकार माना गया कि हाथी के सिर के साथ भगवान गणेश का दोबारा जन्म हुआ। मान्यताओं के अनुसार यह घटना चतुर्थी के दिन ही हुई थी। इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग खासतौर पर गणेश भगवान की पूजा करते हैं। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। इस साल गणेश चतुर्थी 2 सितंबर सोमवार को है, जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। खासतौर पर महाराष्ट्र में इस दिन अलग ही रौनक देखने को मिलती है। यहां गणेश चतुर्थी पर्व को गणेशोत्सव के नाम से जाना जाता है। इस पूजा के दौरान भगवान गणेश के पसंदीदा लड्डू का भोग लगाया जाता है। इसमें मोदक, श्रीखंड, नारियल चावल, और मोतीचूर के लड्डू शामिल हैं। इन 10 दिनों के पूजा उत्सव में लोग रोज सुबह शाम भगवान गणेश की आरती नियमित रूप से करते हैं। व्यवस्था के अनुसार आयोजक भजन संध्या का भी आयोजन करते हैं। कई जगह लोग गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और 9 दिन तक उसका पूजन करने के बाद 10वें दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश अपने भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देेते हैं।
गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त …
- 2 सितंबर के दिन मध्याह्न गणेश पूजा सुबह 11 बजे से दोपहर 1:41 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि का मुहुर्त आरंभ सुबह 4 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा। तो वहीं चतुर्थी तिथि समाप्ति का मुहूर्त 3 सितंबर 2019 रात 1:53 मिनट तक रहेगा।
- गणेश विसर्जन तारीख – 12 सितंबर 2019
- चंद्रमा न देखने का समय – सुबह 8:55 बजे से शाम 9:05 बजे तक
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन घर पर भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति लेकर आएं। गणपति की मूर्ति के नीचे लाल कपड़ा बिछाएं। और सही दिशा में मूर्ति की स्थापना करें। उसके बाद भगवान गणेश को दीपक दिखाएं और भोग में मोदक के लड्डू चढ़ाएं। शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करने के बाद उनकी आरती उतारें। भगवान गणेश की 9 दिनों तक ऐसे ही पूजा करें। फिर दसवें दिन उनकी विधि विधान से पूजा कर उनकी प्रतिमका का विसर्जन कर दें।
क्या है महत्व
- भादो मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का इसी दिन जन्म हुआ था।
- भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को सोमवार के दिन मध्याह्न काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। इसलिए मध्याह्न काल में ही भगवान गणेश की पूजा की जाती है, इसे बेहद शुभ समय माना जाता है।
- भारतीय संस्कृति में गणेश जी को विद्या-बुद्धि का प्रदाता, विघ्न-विनाशक, मंगलकारी कहा गया है। हर माह के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है। पर ये गणेश चतुर्थी व्रत इन सभी में सबसे उत्तम होता है।
- महाराष्ट्र में यह पर्व गणेशोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। ये 10 दिन चलता है और अनंत चतुर्दशी (गणेश विसर्जन दिवस) पर समाप्त होता है। इस दौरान गणेश जी को भव्य रूप से सजाकर उनकी पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में गणेश स्थापना करते हैं।