हल्द्वानी – डॉक्टरों के इस ऐलान से प्रदेश में मच जाएगी अफरातफरी, IMA हुआ सख्यत

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: नगर के सभी प्राईवेट डॉक्टर अपने क्लीनिक और अस्पतालों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने जा रहे है। सभी डॉक्टर ये कदम सरकार द्वारा लागू किए गए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में उठा रहे है। डॉक्टरों की माने तो इस एक्ट के नियमों का पालन करना उनके लिए किसी चुनौती
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हल्द्वानी – डॉक्टरों के इस ऐलान से प्रदेश में मच जाएगी अफरातफरी, IMA हुआ सख्यत

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: नगर के सभी प्राईवेट डॉक्टर अपने क्लीनिक और अस्पतालों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने जा रहे है। सभी डॉक्टर ये कदम सरकार द्वारा लागू किए गए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में उठा रहे है। डॉक्टरों की माने तो इस एक्ट के नियमों का पालन करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। जिसके लागू हो जाने से इलाज और भी महंगा हो जाएगा। कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा, क्योकिं एक्ट का पालन नहीं किया गया तो उनको 10 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना देना पड़ेगा। जोकि नगर की भौगोलिक स्थिती के अनुरूप नहीं है।

हल्द्वानी – डॉक्टरों के इस ऐलान से प्रदेश में मच जाएगी अफरातफरी, IMA हुआ सख्यत

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्टेट प्रतिनिधि डॉ. आर.ऐ केडिया ने बताया कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के लागू होने के बाद सभी प्राइवेट क्लीनिक व अस्पताल बंद होने की कागार पर आजाएंगे। जिसको देखते हुए सभी निजी डॉक्टरों द्वारा ये कदम उठाया जा रहा है।

हल्द्वानी – डॉक्टरों के इस ऐलान से प्रदेश में मच जाएगी अफरातफरी, IMA हुआ सख्यत

मामले में अधिक जानकारी देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि सभी निजी चिकित्सक 22 दिसंबर से हाथों में काला फीता बांदकर इस एक्ट का विरोध करेंगे। वही 23 और 24 दिसंबर तक सभी भर्ती मरीजों को छुट्टी देकर सभी ओपीडी को बंद कर देंगे। जिसके बाद 25 दिसंबर से हल्द्वानी के सभी प्राईवेट क्लीनिक और अस्पताल बंद कर दिए जाएंगे।

ये है क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट

बता दें कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को केंद्र सरकार ने साल 2010 में पारित किया था। साथ ही सभी राज्यों को इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में यह एक्ट साल 2013 में विधानसभा में पारित किया गया, लेकिन इसे अभी लागू नहीं किया जा सका है। इसकी वजह निजी चिकित्सकों को इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस पर फिर कसरत शुरू हुई। आइएमए पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ वार्ता हुई थी। जिसमें यह तय हुआ कि इस पर बीच का रास्ता निकाला जाएगा।

हल्द्वानी – डॉक्टरों के इस ऐलान से प्रदेश में मच जाएगी अफरातफरी, IMA हुआ सख्यत

इसके लिए शासन, विभाग और चिकित्सकों की एक समिति का गठन किया गया। जिसके बाद आइएमए ने नर्सिग होम एक्ट का प्रारूप तैयार किया। स्वास्थ्य सचिव ने इसमें कुछ संशोधन की आवश्यकता बताई थी और संशोधित ड्राफ्ट भी अब तैयार है। पर आइएमए पदाधिकारियों का कहना है कि इस विषय में कई दिन पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मागा गया था, पर इसका जवाब तक नहीं दिया गया। इस बीच निजी चिकित्सकों पर लगातार रजिस्ट्रेशन का दबाव बनाया जा रहा है।

ये रहे मौजूद

इस दौरान डॉ. मोहन तिवारी, डॉ. प्रदीप पांडे, डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. भुपेन्द्र बिष्ट, डॉ. महेश शर्मा, डॉ. महेश कुमार, डॉ. डीसी पंत, डॉ. अनिल अग्रवाल, डॉ. आर.ऐ केडिया, डॉ. कैलाश व अन्य मौजूद रहे।